सामान्यरूप से किसी भी कलाकार को उसके जीवन का पहला मंच उसका स्कूल होता है. पहाड़ के कलाकारों की तो स्कूल, होली और रामलीला जैसे स्थानों में मजबूत नींव पड़ती है. पिछले कुछ दिनों से सोशियल मीडिया पर तीन बच्चों का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियों में पहाड़ के सरकारी स्कूल के कुछ बच्चे फर्राटेदार अंग्रेजी में छोटा सा एक नाटक कर रहे हैं. यहां यह वीडियो देखिये : Vijyapur Inter College Kanda Bageshwar
इस वीडियो को फेसबुक पर ढाई लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. वीडियो में दिखने वाले इन बच्चों का नाम अनुज कुमार, सौरभ धामी और लोकेश कांडपाल है. यह वीडियो विजयपुर इंटर कालेज, कांडा, बागेश्वर का है. तीनों बच्चे इसी स्कूल में सातवीं कक्षा में पढ़ते हैं. बच्चों के इस आत्मविश्वास के पीछे शिक्षक संतोष जोशी की मेहनत है. Vijyapur Inter College Kanda Bageshwar
मूलरूप से पोखरी गांव, गंगोलीहाट के रहने वाले संतोष जोशी ने पिछले वर्ष विजयपुर इंटर कालेज में अंग्रेजी के सहायक अध्यापक का पद संभाला था. इससे पहले संतोष केन्द्रीय विद्यालय पिथौरागढ़ में शिक्षण कार्य करते थे. अपने अनुभवों को संतोष ने ग्रामीण परिवेश के इस स्कूल में साझा किया जिसका परिणाम सभी के सामने है.
संतोष ने बताया कि स्कूल आने के बाद मैंने इन्टरवल के दौरान बच्चों की वर्कशॉप लेना शुरू किया. फिलहाल 20 बच्चे यह वर्कशॉप कर रहे हैं. इसी वर्कशॉप में बच्चों को हिन्दी-अंग्रेजी में नाटक सिखाये जाते हैं. इस वर्कशॉप में छठी से नवीं तक के बच्चे शामिल होते हैं.
स्कूल के प्रधानाध्यापक मोहन चन्द्र का भी संतोष को खूब साथ मिला. छठी से बारहवीं तक के इस स्कूल में 230 बच्चे पढ़ते हैं. स्कूल में होने वाली वंदना के विषय में एक रोचक जानकारी संतोष ने यह दी कि यहां सप्ताह में तीन भाषाओं में वंदना होती है. दो दिन कुमाऊंनी में, दो दिन हिन्दी में और दो दिन अंग्रेजी में.
![Vijyapur Inter College Kanda Bageshwar](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2019/10/Santosh-Joshi.jpg)
जो वीडियो वायरल हो रहा है उसके विषय में संतोष का कहना है कि यह स्वच्छता पखवाड़े के दिन किया गया एक छोटा सा स्किट है, जिसका शीर्षक डस्टबिन की व्यथा है. स्किट के माध्यम से इन तीन बच्चों ने कूड़ेदान के उपयोग के विषय में समझाया है.
संतोष का कहना है कि इस तरह के स्किट समाज और बच्चों को संदेश तो देते ही हैं साथ में बच्चों में आत्मविश्वास और अनुशासन भी लाते हैं.
विजयपुर कांडा का यह स्कूल और संतोष जैसे शिक्षक हमारे लिये एक प्रेरणा हैं. विजयपुर के इन बच्चों का एक और शानदार नाटक भोला राम जीव देखिये :
काफल ट्री टीम की संतोष जोशी से बातचीत के आधार पर.
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2 Comments
Manish Pandey
संतोष जोशी जी के द्वारा किये गये प्रयास की जितनी भी सराहना की जाय वे शब्दों में व्यक्त नही की जा सकती उनके द्वारा किये गये प्रयास से वे उत्तराखण्ड का भविष्य ही नही अपितु सुदूरवर्ती इलाकों की प्रतिभा पहचान कर नन्हें कलाकारों को भी देश विदेशों में आप लोगों के द्वारा सोशल मिडिया के माध्यम से पहचान दिलाने का जो कार्य किया है वह सराहनीय है भविष्य के लिये ढेर सारी शुभकामनाए जय उत्तराखण्ड
navin chandra pant
कोटि-कोटि धन्यवाद है जोशी जी को जो हमारे उत्तराखंड हमारे पहाड़ के लिए एक उदाहरण बनेंगे का काफल ट्री का धन्यवाद.