‘ज़िंदगी और जोंक’ अमरकांत की कालजयी कहानी
Posted By: Kafal Treeon:
मुहल्ले में जिस दिन उसका आगमन हुआ, सबेरे तरकारी लाने के लिए बाजार जाते समय मैंने उसको देखा था. शिवनाथ बाबू के घर के सामने, सड़क की दूसरी ओर स्थित खँडहर में, नीम के पेड़ के नीचे, एक दुबला-प... Read more
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