लेखकों के सपने
मेरे द्वारा लिखे गये एक लेख के लिये सरकार मुझे गिरफ़्तार कर लेती है. मेरी गिरफ़्तारी से पूरे देश में दंगा भड़क जाता है. युवा सड़क पर उतर आते हैं. मुझे जंजीरों से बांध कर पैदल ले जाया जा रहा है.... Read more
ईश्वर क्या है? ईश्वर कौन है?
ये प्रश्न कभी न कभी सभी के समक्ष उपस्थित होते हैं और सभी इसका उत्तर खोजने का प्रयत्न करते हैं. पिछले कुछ समय में जो परिस्थितियां मेरे समक्ष उत्पन्न हुई, उनसे समझ आ गया कि ईश्वर क्या है, और ई... Read more
व्यंग्य के लिये विषय की खोज
आज सुबह-2 फोन पर जो ख़बर मिली उसे सुन कर हम खुशी से फूले न समाये. फोन एक बहुत बड़े पत्रकार-लेखक-विचारक का था, जिन्हें हम अपना गुरु मानते हैं और प्रेम से ‘दादा’ कहते हैं. यदि किसी व्यक्ति को ना... Read more
तूतू – मैंमैं
‘आखिर हुआ क्या?’ ‘होना क्या था? वो हमें बाज़ार में मिले. हमे बहुत जाने-पहचाने से लगे.’ ‘फिर?’ ‘हम भी उन्हें बहुत जाने पहचाने से लगे. वो हमे पहचानने क... Read more
व्यंग्य का जन्म किस प्रकार होता है?
कल एक मित्र का फोन आया. मित्र मुम्बई में हैं, और अभिनय के क्षेत्र में अपना नाम कमा रहे हैं. वैसे तो मित्रों के फोन आते रहते हैं, परन्तु ये फ़ोनकॉल विशेष थी. ये फोनकॉल, मुझ लेखक के लेखन की प्र... Read more
भाई साहब! मैं बाल कवि नहीं हूँ!
उसका वहां होना, जहां उसे नहीं होना चाहिये था, स्वयं में एक घटना थी. सभागृह- प्रेक्षागृह, वाचनालय- पुस्तकालय, विश्वविद्यालय-मदिरालय, ऐसे न जाने कितने आलयों में वह निरन्तर जाता रहा था. कहते है... Read more
सरकारी विभागों में पावती, सिर्फ पावती नहीं है
उस कक्ष में पांच कर्मचारी उपस्थित थे- तीन पुरुष और दो महिलायें. सभी कुछ देर पहले ही अपने-अपने स्थानों पर आकर बैठे थे. शासकीय भाषा में कहें तो मध्याह्न पूर्व का समय था. कक्ष में -ज़मीन पर, टेब... Read more
तीन सांस में पढ़ लो एक अप्रैल की तीस ताजा खबरें
एक अप्रैल की ताजा खबरें – 1. अमेरिका और चीन ने कहा है कि वे निशस्त्रीकरण की दिशा में मिलकर प्रभावी क़दम उठाएंगे. (हमाऔ नाम और लिख लियो !- रूस ने कही) 2. राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि अमेर... Read more
‘सौंदर्य की कविता’ और ‘कविता का सौंदर्य,’ दोनों ही महत्वपूर्ण हैं. परन्तु इन दोनों से भी अधिक महत्वपूर्ण है- सौंदर्य के द्वारा लिखी गई कविता. सौंदर्य के द्वारा लिखी ग... Read more
सड़क को सड़क नहीं, अपना घर समझो
वे पुलिस के बड़े अधिकारी थे और हमारे बचपन के मित्र भी. कल जब वे बहुत दिन बाद शहर आये तो हम दोनों बाइक से शहर घूमने निकले. रास्ते में एक जगह पुलिस चैकिंग हो रही थी. वे ज़ोर से चिल्लाए – ‘अबे रो... Read more
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