तुलसी रैमसे को इतनी श्रद्धांजलि तो बनती है!
कराची और लाहौर में इलेक्ट्रोनिक्स के सामान की दुकान चलाने वाले फतेहचंद रामसिंघानिया को बंटवारे के चलते अपना कारोबार बंद कर 1947 में बम्बई आना पड़ा. फतेहचंद के सात बेटे थे – कुमार, केशू,... Read more
काल से होड़ लेता था कवि विष्णु खरे
पहल के ताज़ा अंक में अपनी डायरी की शुरुआत में विष्णु खरे की कविता, ‘एक कम’ की आख़िरी चार लाइनों से शुरुआत की थी. यह एक बहुत अजीब सा और अब बहुत अटपटा और उदासी जैसा संयोग लगता है. पहल 113 के ऑ... Read more
पंकज श्रीवास्तव एक लोकधर्मी पत्रकार के तौर पर पंकज श्रीवास्तव देश के सुपरिचित नाम हैं. अनेक अखबारों और टीवी चैनलों से जुड़े रहने के बाद पंकज फिलहाल लोकप्रिय वेबसाईट ‘मीडिया विजिल’... Read more
गिर्दा की नवीं पुण्यतिथि
प्रख्यात जनधर्मी कलाकार-कवि के रूप में गिर्दा हमारे दिलों में अमर हैं. आज उन्हें गए हुए नौ साल बीत गए. उनके अवसान के बाद उनके परम मित्र और हिन्दी के बड़े कवि वीरेन डंगवाल ने कबाड़खाना ब्लॉग पर... Read more
पत्रकार-कवि चारुचन्द्र चंदोला का अवसान
प्रसिद्ध पत्रकार व कवि चारुचन्द्र चंदोला का कल 18 अगस्त 2018 को देर रात देहरादून के दून अस्पताल में निधन हो गया. चंदोला जी को मस्तिष्काघात के कारण दून अस्पताल के आईसीयू में एक हफ्ते पहले भर्... Read more
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