क्या सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा उत्तराखण्ड में चुनावी मुद्दा नहीं हो सकते?
आपका उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाकों में घर हो और अठारह सालों में पहाड़ की यात्रा में आपने कितने बार यह कहा है कि इस बार की सड़क यात्रा शानदार रही. पहाड़ की जीवनरेखा बताकर 1960 से हमारी जमीनें सरकार... Read more
देशभर में चुनाव का माहौल है. नेता आदत के अनुसार कुछ भी बोल रहे हैं. उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव पहले चरण में होने हैं इसलिए यहां चुनावी गर्मी तेज हो गयी है. जाहिर है चुनावी गर्मी में नेता किस... Read more
दिल्ली निवासी आचार्य अजय गौतम ने उच्च न्यायालय को एक पत्र लिखकर प्रार्थना की थी कि उत्तराखंड की दो पवित्र नदियों गंगा और यमुना में पानी की गुणवत्ता अब बहुत खराब हो गई है और उत्तराखण्ड की गंग... Read more
क्या आपको नहीं लगता नैनीताल ख़तरे में है..?
18 अगस्त को लोअर माल रोड का एक बड़ा हिस्सा भरभरा कर नीचे झील में समा गया. सोशल मीडिया में इसकी विडियो पर आपकी नज़र ज़रूर पड़ी होगी। कल रात फिर एक हिस्सा झील की सुपुर्द हो गया और भारी बारिश औ... Read more
Popular Posts
- ‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा
- पहाड़ में बसंत और एक सर्वहारा पेड़ की कथा व्यथा
- पर्यावरण का नाश करके दिया पृथ्वी बचाने का संदेश
- ‘भिटौली’ छापरी से ऑनलाइन तक
- उत्तराखण्ड के मतदाताओं की इतनी निराशा के मायने
- नैनीताल के अजब-गजब चुनावी किरदार
- आधुनिक युग की सबसे बड़ी बीमारी
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : दिशाएं देखो रंग भरी, चमक भरी उमंग भरी
- स्याल्दे कौतिक की रंगत : फोटो निबंध
- कहानी: सूरज के डूबने से पहले
- कहानी: माँ पेड़ से ज़्यादा मज़बूत होती है
- कहानी: कलकत्ते में एक रात
- “जलवायु संकट सांस्कृतिक संकट है” अमिताव घोष
- होली में पहाड़ी आमाओं का जोश देखने लायक होता है
- पहाड़ की होली और होल्यारों की रंग भरी यादें
- नैनीताल ने मुझे मेरी डायरी के सबसे यादगार किस्से दिए
- कहानी : साहब बहुत साहसी थे
- “चांचरी” की रचनाओं के साथ कहानीकार जीवन पंत
- आज फूलदेई है
- कहानी : मोक्ष
- वीमेन ऑफ़ मुनस्यारी : महिलाओं को समर्पित फ़िल्म
- मशकबीन: विदेशी मूल का नया लोकवाद्य
- एक थी सुरेखा
- पहाड़ी जगहों पर चाय नहीं पी या मैगी नहीं खाई तो
- भाबर नि जौंला: प्रवास-पलायन का प्रभावी प्रतिरोध