ओ पवन वेग से उड़ने वाले घोड़े
ओ पवन वेग से उड़ने वाले घोड़े… ओ पवन वेग से उड़ने वाले घोड़े तुझपे सवार है जो, मेरा सुहाग है वो रखियो रे आज उनकी लाज… तेरे कंधों पर आज भार है मेवाड़ का करना पड़ेगा तुझको सामना पहाड़ का हल्दीघ... Read more
ये कहानी है दीए की और तूफान की
निर्बल से लड़ाई बलवान की… ये कहानी है दीए और तूफान की… एक रात अंधियारी थी दिशाएं कारी-कारी मंद-मंद पवन था, चल रहा अंधियारे को मिटाने, जग में जोत जगाने इक छोटा सा दीया था कहीं जल... Read more
माना जनाब ने पुकारा नहीं
माना जनाब ने पुकारा नहींक्या मेरा साथ भी गवारा नहीं मुफ्त में बनके चल दिए तन के वल्ला जवाब तुम्हारा नहीं... ... गुस्सा ना कीजिए जाने भी दीजिए बंदगी तो बंदगी तो लीजिए साहब... ...इधर देखिए, नज... Read more
खलंगा युद्ध और गोरखा शौर्य
‘खलंगा’ नेपाली भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ छावनी या कैंटोनमेंट होता है. अंग्रेज इतिहासकारों ने अपनी भाषिक समझ के हिसाब से इसे किला कहा, जबकि यह एक सुदृढ़ किला नहीं था. युद्ध के ठ... Read more
उसके दामन की खुशबू हवाओं में है
हिंदी सिनेमा का एक सेट फार्मूला रहा है— नायक-नायिका. दोनों में अमीरी-गरीबी की खाई. इस खाई को पाटने की जद्दोजहद के बीच, थ्रिल- एक्शन-सस्पेंस का स्पाइसी मसाला. घनघोर रुमानियत, मेलोडियस सॉन्ग्स... Read more
भारतीय उपमहाद्वीप में क्रिकेट को बहुत ऊँचा दर्जा हासिल है. 83 के वर्ल्ड कप के बाद तो यहाँ क्रिकेट का जुनून सर चढ़कर बोलने लगा. 83 के वर्ल्ड कप को हाथों में लिए कपिल देव की तस्वीर देखते-देखते... Read more
बरखा-बहार पर सिनेमाई गीत
जल स्रोत और हरियाली, कुदरत की ऐसी नियामते हैं जो आँखों को सुकून देती हैं और मन को खुशी. पेड़- पौधे, पशु-पक्षी हों, चाहे मनुष्य, सभी बरसा से आनंदित होते हैं. इस खास मौसम में समूची कुदरत झूमने... Read more
जिंदगी के सफर में गुजर जाते हैं जो मकाम, वो फिर नहीं आते… इस गीत को सुनकर संवेदी श्रोता अनायास ही एक खास किस्म के जीवन-दर्शन के बारे में सोचने पर विवश हो जाता है. वह कई बातों पर एक सिर... Read more
1955-56 की एक काव्य संध्या में देव साहब ने नीरज को सुना. उनकी कविता उन्हें इतनी भायी कि उन्होंने नीरज के सामने सीधे प्रस्ताव रख डाला, अगर कभी फिल्मी गीत लिखने का मन हो, तो मैं आपके साथ काम क... Read more
एक हिन्दी भाषी अफसर की दक्षिण भारत यात्रा के बहाने वास्कोडिगामा और अगस्त्य मुनि के किस्से
तटस्थता और पारदर्शिता, किसी भी व्यवस्था के सबसे लोकप्रिय सिद्धांत माने जाते है, जिसके चलते अक्सर चुनाव जैसे खास आयोजनों में उत्तर के लोगों को दक्षिण, दक्षिण के लोगों को पूरब, तो पश्चिम के लो... Read more
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