उत्तराखण्ड के जिस स्थान पर रावण ने मुण्डों की आहूति देकर पितामह ब्रह्मा को रिझाया था, उस स्थान का नाम है- बैरासकुण्ड. यह स्थान जनपद चमोली के परगना दशोली के अन्तर्गत नन्दप्रयाग से 10 किलोमीटर... Read more
Popular Posts
- घुटनों का दर्द और हिमालय की पुकार
- लिखो कि हिम्मत सिंह के साथ कदम-कदम पर अन्याय हो रहा है !
- पुष्पदन्त और माल्यवान को मिला श्राप
- डुंगरी गरासिया-कवा और कवी: महाप्रलय की कथा
- नेहरू और पहाड़: ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ में हिमालय का दर्शन
- साधारण जीवन जीने वाले लोग ही असाधारण उदाहरण बनते हैं : झंझावात
- महान सिदुवा-बिदुवा और खैंट पर्वत की परियाँ
- उत्तराखंड में वित्तीय अनुशासन की नई दिशा
- राज्य की संस्कृति के ध्वजवाहक के रूप में महिलाओं का योगदान
- उत्तराखण्ड 25 वर्ष: उपलब्धियाँ और भविष्य की रूपरेखा
- आजादी से पहले ही उठ चुकी थी अलग पर्वतीय राज्य की मांग
- मां, हम हँस क्यों नहीं सकते?
- कुमाउनी भाषा आर्य व अनार्य भाषाओं का मिश्रण मानी गई
- नीब करौरी धाम को क्यों कहते हैं ‘कैंची धाम’?
- “घात” या दैवीय हस्तक्षेप : उत्तराखंड की रहस्यमयी परंपराएँ
- अद्भुत है राजा ब्रह्मदेव और उनकी सात बेटियों के शौर्य की गाथा
- कैंची धाम का प्रसाद: क्यों खास हैं बाबा नीम करौली महाराज के मालपुए?
- जादुई बकरी की कहानी
- तो ऐसे बनती थी लखु उडियार जैसी प्रागैतिहासिक पेंटिंग्स
- आप कितना जानते हैं नैनीताल के भाबर की नदियों को
- पहाड़ की सिन्ड्रेला ‘सूनिमाया’ की कहानी
- नगरूघाट मेला : यहाँ लगती है “मितज्यू” की अनूठी डोर
- वह रील्स भी बनाती है और रन भी: आज की बेटी जेमिमाह
- काफल ट्री फाउंडेशन का अब तक का हासिल
- सीएमएस की कुर्सी और सिस्टम का पोस्टमार्टम ?
