क़स्बे की एक सर्द रात – 1
Posted By: Girish Lohanion:
“आप क्या लेना पसंद करेंगे सर?”, कहीं दूर से आती वो खनकती सी आवाज़ उसे एक झटके में किसी गहरी गुफ़ा से बाहर निकाल लाई. उस हर तरह से ठंडी, ख़ामोश रात के पौने ग्यारह बजे वो अपने उस छोटे... Read more
क़स्बों के आखिरी सिरे
Posted By: Kafal Treeon:
इस देश के अमूमन हर क़स्बे के बाहरी हिस्से में एक मुख़्तलिफ़ और यकसां क़िस्म की तासीर सी तारी होती है. वो क़स्बा चाहे आंध्र प्रदेश के कत्थई से आसमान तले फैले तटीय इलाक़े में बसा हुआ हो, या पं... Read more
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