किसी समय एक राजा हुआ करता था. राजा ने अपनी राजधानी के चारों दरवाजों पर गुप्तचर तैनात किये थे. वहां होने वाली हर बात को गुप्तचर लिखकर रखते और महीने के आखिर में राजा को दे आते. एक बार एक दरवाजे पर चार औरतें इस बात पर बहस कर रही थी कि दुनिया में सबसे प्रभावशाली चीज कौन सी है. पहली ने मांस को सबसे प्रभावशाली बताया, दूसरी ने शराब पर दावा किया, तीसरी ने कहा- वेश्या और चौथी ने झूठ को सबसे प्रभावशाली बताया. गुप्तचर ने चारों की बातें उनके ठिकाने के साथ दर्ज कर ली. हमेशा की तरह दर्ज की गयी सभी बातें महीने के अंत में राजा की नजर में आई. राजा ने उन चारों औरतों को बुलावा भेजा और चारों को अपनी-अपनी बात साबित करने के लिये कहा.
(Kumauni Folk Stories Oakley)
मेरे राजन पूरा जीव और वनस्पति जगत मांस पर ही आसक्त है. आपको इससे अधिक मुझसे किस तरह का सबूत चाहिये, पहली औरत ने कहा. आप अपनी आँखों से देख सकते हैं. सबसे पहले तो क्या आदमी मांस का सेवन नहीं करता और हड्डियाँ कुत्तों के द्वारा चबाई जाती हैं. बची हुई जूठन चीटी और अन्य कीड़े-मकोड़े खाते हैं और उनसे भी जो बच जाता है वह पेड़ पौधों के काम आता है. मांस का कोई ऐसा भाग नहीं है जो बेकार जाता है तो बताइये राजन क्या मांस दुनिया में खाई जाने वाली चीजों में सबसे प्रभावशाली नहीं है? राजा ने उसकी सारी बातें अपने दिमाग में दर्ज कर ली और उसे जाने दिया.
दूसरी औरत अपनी बात को साबित करने के लिये सामने आई- प्रिय राजन, शराब जिसे की नशीला पेय माना जाता है बाकी सभी पीने वाली चीजों से महंगा है. शराब अपने पीने वालों के संसाधन खत्म करने के अलावा उनके होश भी उड़ा देती है. इन सब बुराइयों के बावजूद उनके लिये इसके लोभ को छोड़ पाना असंभव है. और जब अंत में शराब उसे पीने वाले को कंगाल करके कब्र में पहुंचा देती है तो हमेशा उसकी जगह लेने वाले मौजूद रहते हैं और शराब को पूजने का सिलसिला चलता रहता है. राजा उस औरत के तर्क का कायल हो गया और उसने उसे भी जाने दिया.
अब तीसरी औरत की बारी थी. तीसरी औरत आई और उसने कहा- राजा आप अच्छी तरह से जानते हैं कि वेश्याओं की ओर आकर्षित होने वाले कंगाल हो जाते हैं और तरह-तरह की बीमारियों के सम्पर्क में भी आते हैं, यह सब उनकी गरीबी का कारण बनता है और उनको उनकी कब्र तक ले जाता है तब भी वह वेश्या के पास जाना नहीं छोड़ते. लोग वेश्या के पास में इस कदर कैद हो जाते हैं कि वो न अपने नैतिक या धार्मिक चरित्र की चिंता करते हैं न दुनिया की फ़िक्र करते हैं. ये सब बातें साबित करती हैं कि मेरी कही बात बिलकुल सही है. इतना कुछ सुनने के बाद राजा उसे भी जाने देता है.
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चौथी औरत को बुलाया जाता है वह कहती है- राजन झूठ सबसे प्रभावशाली होता है अगर आप ख़ुद देखने की अनुमति देते है तो. राजा और उसके दरबारियों ने उसकी बात सुनकर बड़ी उत्सुकता से अपनी बात को ठीक से समझाने को कहा. जब तक आप मुझे 10,000 रूपये नहीं देंगे तब तक मैं समझा नहीं सकती, औरत ने कहा. राजा ने उसे उसके कहे पैसे दे दिये, जब पैसे उसके घर पहुंच गये तो उसने कहा- प्रिय राजा, प्रभावशाली चीजें एक बरगद के पेड़ से दिखती है. अमावस्या की रात वह केवल उनको दिखती हैं जो अपने बाप की असली औलाद होता है, जो भी अपने बाप की नाजायज औलाद होती है वह उसे नहीं देख सकता. चमत्कार को देखने के लिये अगली अमावस्या की तारीख तय कर राजा ने उसे जाने दिया.
राजा और दरबारियों ने वादे के अनुसार किये जाने वाले चमत्कार को देखने का इंतजार किया और तय तारीख के दिन औरत को बुलाया गया. औरत आई और राजा व उसके साथियों को अपने साथ एक बरगद के पेड़ के पास ले गयी. औरत ने सभी को संबोधित करते हुये कहा कि एक-एक कर पेड़ की चोटी पर चढ़कर देखें वहीं से चमत्कारी चीजें दिखती हैं. सबसे पहले राजा का पुजारी बरगद के पेड़ पर चढ़ा. ऊपर जाने पर उसे सबकुछ सामान्य दिखा. पर उसे लगा कि अगर वह कहेगा कि उसे कुछ नहीं दिखा तो लोग समझेंगे की वह अपने बाप की असली औलाद नहीं है. वह नीचे उतरा और झूठ बोलते हुये कहने लगा कि उसे तीनों दुनिया के सबसे अद्भुत और सुंदर दृश्य देखने को मिला. पुजारी के बाद राजा का नम्बर आया. राजा ने ऊपर जाकर देखा उसे भी कुछ न दिखा पर नाजायज औलाद कहलाने का डर उसे भी था सो उसने नीचे आकर पुजारी का झूठ दोहराया. वहां आये सभी लोग पेड़ पर चढ़े लेकिन किसी को कुछ नहीं दिखा पर सबने झूठ बोला. जिसके बाद सभी अपने-अपने घरों को चले गये.
घर लौटने के बाद लोगों ने अपने परिवार के करीबियों और ख़ास दोस्तों से बातचीत की और चमत्कारी कहे जाने वाली चीज के बारे में पूछा. लोगों के बीच हुई कानाफुसी में कुछ न दिखाई देने की बता कही जाने लगी. फुसफुसाहट राजा के कानों तक भी पहुंची तो उसका भी हौसला बढ़ा सो उसने पुजारी से पूछा. पुजारी ने बताया कि उसे भी कुछ नहीं दिखा था. अब जब बात खुली तो पता चला कि बगरद के पेड़ से किसी ने कुछ नहीं देखा था. राजा और उसके दरबारियों ने पाया कि यह बात तो औरत ने उन पर थोपी थी. औरत को तुरंत गिरफ्तार किया गया और धोखा देने के आरोप में राजा के सामने पेश किया गया. इस आरोप पर औरत ने उत्तर दिया- राजन मैंने तो आपसे पहले ही कहा था झूठ में संसार में सबसे अधिक प्रभावशाली होता है. यह झूठ का प्रभाव और शक्ति ही तो है जिसकी वजह से आप सभी कठपुतली तरह नाच रहे हैं. पूरी घटना के विनोद से राजा प्रभावित हुआ और उसने उस औरत को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया.
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यह कथा ई. शर्मन ओकले और तारादत्त गैरोला की 1935 में छपी किताब ‘हिमालयन फोकलोर’ से ली गयी है. मूल अंग्रेजी से इसका अनुवाद गिरीश लोहनी ने किया है. इस पुस्तक में इन लोक कथाओं को अलग-अलग खण्डों में बांटा गया है. प्रारम्भिक खंड में ऐतिहासिक नायकों की कथाएँ हैं जबकि दूसरा खंड उपदेश-कथाओं का है. तीसरे और चौथे खण्डों में क्रमशः पशुओं व पक्षियों की कहानियां हैं जबकि अंतिम खण्डों में भूत-प्रेत कथाएँ हैं.
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