Uncategorized

अकेले फेसबुक पर ग्यारह लाख पाठक प्रति सप्ताह का आंकड़ा छुआ काफल ट्री ने

आज काफल ट्री की वेबसाइट को शुरू किये 14 माह पूरे हुये हैं. वर्तमान में करीब पचास हजार पाठक काफल ट्री के फेसबुक से जुड़े हैं और छः हजार पाठक ने काफल ट्री के व्हाट्स एप्प ग्रुप की स्वतः सदस्यता ली है. वर्तमान में काफल ट्री पाठक भारत समेत विश्व के सौ देशों के 566 शहरों में मौजूद हैं. (1.1 Million Readers per Week In Kafal Tree)

नीले रंग वाले सभी देशों में काफल ट्री के पाठक हैं.

काफल ट्री का संपादक मंडल अपने पाठकों को बेहद ख़ुशी के साथ यह बताना चाहता है कि पिछले एक हफ्ते में केवल फेसबुक पेज पर पाठकों की संख्या ग्यारह लाख से अधिक रही है. इसके लिये काफल ट्री अपने पाठकों का आभारी है. (1.1 Million Readers per Week In Kafal Tree)

स्क्रीन के दाई ओर पोस्ट रीच संख्या देखिये.

14 माह पूर्व एक छोटी सी टीम के साथ इस वैबसाइट को इस उदेश्य के साथ शुरू किया गया था कि उत्तराखंड से जुड़ी स्तरीय जानकरियों को इंटरनेट पर उपलब्ध कराया जाये. हमारे इस उदेश्य से देश विदेश से दर्जनों लेखक जुड़े, दर्जनों लेखकों के परिवार जुड़े जिनकी अनुमति और सहयोग से हमने काफल ट्री पर अनेक स्तरीय सामग्री अपने पाठकों के लिये उपलब्ध कराई.

शुरुआती महिनों में ही काफल ट्री को उसके पाठकों ने खूब प्यार दिया. काफल ट्री के पाठक ही हैं जिन्होंने शून्य से लेकर आज हमें 11 लाख का आकड़ा छुआ दिया. ख़ुशी के इन क्षणों में हमने पाठकों को बताना चाहते हैं कि इस वैबसाइट के शुरुआती दिनों में हम एक पोस्ट पर दस-पांच शेयर से बेहद उत्साहित होते थे. पाठकों द्वारा शेयरिंग का यह आंकड़ा दस-पांच से होता हुआ पहले पचास, फिर सौ, फिर पांच सौ, फिर हजार और अब पचास हजार से अधिक पहुंच गया है.

इस सप्ताह की वायरल पोस्ट

पिछले एक साल में काफल ट्री ने उत्तराखंड के लोक संस्कृति, त्योहार, उत्सव, मेले, लोक साहित्य और व्यक्तित्व से जुड़ी हज़ारों पोस्ट शेयर की जिसे काफल ट्री के पाठकों ने हाथों हाथ लिया. इन पोस्टों की की शेयरिंग संख्या हजारों में रही. उत्तराखंड से जुड़ी हर उस खबर को काफल ट्री ने पूरी जिम्मेदारी के साथ उठाया जिसे कतिपय कारणों से मुख्य मीडिया नहीं उठा सका.

अपने इस छोटे से सफ़र में काफल ट्री अपने सभी लेखकों का धन्यवाद करना चाहता है जिनकी बदौलत काफल ट्री पाठकों का अपार स्नेह मिला.

हमें प्रत्येक दिन अलग-अलग माध्यमों से पाठकों के सन्देश मिलते हैं लेकिन बहुत सिमित संसाधनों के साथ चलने वाली हमारी टीम सभी के संदेशों का जवाब देने में सक्षम नहीं है. इस पोस्ट के माध्यम से हम अपने सभी पाठकों का आभार व्यक्त करना चाहते हैं कि इतने कम समय में उनके कारण काफल ट्री आज उत्तराखंड का सबसे विश्वसनीय वेब पोर्टल बन गया है.

एक मजबूत नींव के साथ काफल ट्री आपसे यह वादा करता है कि उत्तराखंड से जुड़ी अनेक रोचक और सारगर्भित जानकारी हम आगे भी आप तक पहुंचाते रहेंगे. काफल ट्री के पाठकों का हृदय से आभार.

-सम्पादक

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

View Comments

Recent Posts

कुमाउँनी बोलने, लिखने, सीखने और समझने वालों के लिए उपयोगी किताब

1980 के दशक में पिथौरागढ़ महाविद्यालय के जूलॉजी विभाग में प्रवक्ता रहे पूरन चंद्र जोशी.…

4 days ago

कार्तिक स्वामी मंदिर: धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आध्यात्मिक संगम

कार्तिक स्वामी मंदिर उत्तराखंड राज्य में स्थित है और यह एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल…

6 days ago

‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा

‘जोहार में भारत के आखिरी गांव मिलम ने निकट आकर मुझे पहले यह अहसास दिया…

1 week ago

पहाड़ में बसंत और एक सर्वहारा पेड़ की कथा व्यथा

वनस्पति जगत के वर्गीकरण में बॉहीन भाइयों (गास्पर्ड और जोहान्न बॉहीन) के उल्लेखनीय योगदान को…

1 week ago

पर्यावरण का नाश करके दिया पृथ्वी बचाने का संदेश

पृथ्वी दिवस पर विशेष सरकारी महकमा पर्यावरण और पृथ्वी बचाने के संदेश देने के लिए…

2 weeks ago

‘भिटौली’ छापरी से ऑनलाइन तक

पहाड़ों खासकर कुमाऊं में चैत्र माह यानी नववर्ष के पहले महिने बहिन बेटी को भिटौली…

2 weeks ago