किसी शहर के भविष्य का आधार उसका युवा होता है. एक ऐसे समय जब पूरे विश्व भर में युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के नाम पर भाषण पिलाया जा रहा है उस समय पिथौरागढ़ में युवाओं का एक समूह ‘हरेला’ पर्यावरण के लिये ठोस जमीनी काम कर रहा है. पिथौरागढ़ के लिये गर्व की बात है कि उसके युवाओं ने पिछले कुछ सालों में ‘हरेला सोसायटी’ जैसा मजबूत स्तंभ अपने शहर में तैयार किया है जिसने एक छोटे से सीमांत जिले में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का काम किया है. काफल ट्री के पाठक हरेला सोसायटी की टीम से वाकिफ़ हैं नये पाठक हरेला सोसायटी के विषय में यहां पढ़ सकते हैं : पृथ्वी दिवस पर पिथौरागढ़ के युवाओं द्वारा चलाई जाने वाली हरेला सोसायटी को जानिये (Harela Society and their Jugnoo Lights)
हमेशा अपने नये प्रयोगों के लिये जाने जाना वाली हरेला सोसायटी ने इन दिनों फिर चर्चा में हैं. इस बार चर्चा का कारण है उसकी जुगनू लाईट. पिछले कई सालों से हरेला सोसायटी अपसाइल्किलिंग का काम करती है. उसी अपसाईक्लिंग का एक हिस्सा है जुगनू लाईट जिसे हरेला सोसायटी पिछले दो सालों से बना रही है. (Harela Society and their Jugnoo Lights)
एक वीडियो को जरिये हरेला सोसायटी के स्थापक सदस्य मनु डफाली ने इस जुगनू लाईट के विषय में बताया है. जुगनू लाईट ख़ाली कबाड़ बोटल से बने दीये या कैंडल हैं. जुगनू लाईट में ख़ाली कबाड़ बोटल काटकर उसके भीतर मोम की जगह च्यूरे का घी भरा गया है.
च्यूरा एक प्रकार का पेड़ होता है. पिथौरागढ़ जिले के आसपास च्यूरे के बहुत से पेड़ देखने को मिलते हैं. इसके बीज से यह घी बनता है. पहाड़ों में त्वचा में लगाने और कई जगह खाने में च्यूरे के घी का प्रयोग किया जाता है. हरेला की टीम ने अपनी जुगनू लाईट में मोम की जगह इसी च्यूरे के घी का इस्लेमाल किया है.
काफल ट्री से बातचीत के दौरान मनु ने बताया है कि
गांव घरों में पारंपरिक तौर पर ठंडियों में त्वचा की देखभाल के लिये च्यूरे के घी का प्रयोग किया जाता है. हमारे द्वारा बनाई गई इन जुगनू लाईट में मौजूद इस च्यूरे के घी उपयोग लोग दिवाली के बाद ठंडियों में अपनी त्वचा की देखभाल के लिये भी कर सकते हैं.
इस बार हरेला सोसायटी ने जुगनू लाईट का एक बॉक्स बनाया है जो दो, तीन, चार इस तरह का सेट है. इस सेट की पैकेजिंग में हरेला सोसायटी ने एक पोटली दी है जिसमें जैविक खाद है, मौस (काई) और फूल के बीज दिये हैं ताकि लोग जब जुगनू लाईट के भीतर का च्यूरे का घी खत्म हो जाये तो बोटल को फैंकने की बजाय उसमें फूल उगा सकें.
फ़िलहाल हरेला सोसायटी जुगनू लाईट पिथौरागढ़ में ही उपलब्ध करा रही है. आप भी हरेला सोसायटी से संपर्क कर इस दिवाली जुगनू लाइट्स अपने घर ला सकते हैं. अधिक जानकारी के लिये आप [email protected] या 9897470369 नंबर पर बात कर सकते हैं. जुगनू लाइट्स की कुछ तस्वीरें देखिये :
![Harela Society and their Jugnoo Lights](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2019/10/IMG-20191025-WA0012-1024x484.jpg)
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-काफल ट्री डेस्क
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