1977 की कॉमिक्स के विज्ञापन
हमारे ज़माने में तो ऐसा होता था… वाक्य भारत का ध्येय वाक्य घोषित किये जाने की क्षमता रखता है. आदमी 25 पार का हुआ नहीं उसका ज़माना बन जाता है. जैसे इन दिनों भारत में नाइंटीज का नोस्टाल्जि... Read more
अल्मोड़ा में मोहर्रम के ताजिये
अल्मोड़ा में पिछले कई दशकों से मुहर्रम के अवसर पर ताज़िये बनाये जाते हैं जिसे अंजुमन सेवा समिति द्वारा आयोजित किया जाता है. ये ताज़िये बेहद कलात्मक और सुंदर होते हैं जिनके अंदर तरह-तरह लाइट्स भ... Read more
झरिया में है नोकिया का टावर
झरिया में है नोकिया का टावर -शेफाली फ्रॉस्ट तुम आयी हो लपटती ज़मीन की गुफाओं से निकल, तुम आयी हो दो दिन तीन रात के सफर के बाद, तुम उतर के इधर देखती हो फिर उधर बिछा देती हो नए शहर की नालियों... Read more
दिल्ली से तुंगनाथ वाया नागनाथ – 1
कह तो शेखर ने कोटद्वार, गढ़वाल में ही दिया था कि अगली बार चमोली जिले में नागनाथ-पोखरी पहुंचना है, वहां से गोपेश्वर और फिर तुंगनाथ जाएंगे. लेकिन, अप्रैल तीसरे सप्ताह में ‘8 मई को नागनाथ-पोखरी... Read more
गुप्त वंश तथा कुमाऊं भाग-1
कुषाण शासन के विघटन के उपरान्त उत्तर भारत में जिन राजाओं ने अपने छोटे-छोटे स्वतंत्र राज्य स्थापित किए उनमे से एक का नाम घटोत्कच गुप्त था. गुप्त वंश का संस्थापक इन्हीं को माना जता है. कुछ इति... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने 15
1930 तक हल्द्वानी अपनी छोटी सी बसासत के साथ विभिन्न क्षेत्रों से आकार बस गए लोगों का केंद्र बन गया था. पहाड़ और मैदानी मूल के संगम इस शहर में हर त्यौहार बहुत तबियत से मनाया करता था. इस दौर मे... Read more
सिनेमा : रोशनदान से दिखता घर का सपना
इटली में 1901 में पैदा हुए फिल्मकार वित्तोरियो डी सिका यथार्थवादी सिनेमा के उस्ताद हैं. यह कहना अतिश्योक्ति न होगी कि वे फ़िल्मकारों के फिल्मकार हैं. खुद हमारे देश के तीन बड़े फ़िल्मकारों –सत्य... Read more
सूरज की मिस्ड काल – 2
(पिछली कड़ी – सूरज की मिस्ड काल भाग- 1) न जाने नछत्रों से कौन, निमंत्रण देता मुझको मौन – सुमित्रानंदन पंत पिछले हफ़्ते अखबार में एक खबर पढ़ी. ब्रह्माण्ड में एक बेहद भारी ब्लैकहोल एक सूदूर... Read more
हम मारे जाएंगे अगर नहीं रचेंगे देवताओं को, हम मारे जाएंगे अगर हम उनकी हत्या नहीं करेंगे
अदूनिस – विडंबनाओं और पराकाष्ठाओं के कवि सीरिया में १९३० में जन्मे सीरियाई – लेबनानी मूल के कवि, साहित्यालोचक, अनुवादक, और सम्पादक अदूनिस (मूल नाम अली अहमद सईद) अरबी साहित्य और कविता क... Read more
हिमालय में प्लूटोनियम – सी आई ए का एक और अपराध
शीतयुद्ध के दौरान सी आई ए ने कुछ कामों को हर सूरत में सरंजाम देना ही था – कम्यूनिज़्म को रोकने के लिए कैसी भी कीमत चुकाई जा सकती थी और किसी भी तरह की तकनीकी बाधा को पराजित किया जा सकता... Read more