काल से होड़ लेता था कवि विष्णु खरे
पहल के ताज़ा अंक में अपनी डायरी की शुरुआत में विष्णु खरे की कविता, ‘एक कम’ की आख़िरी चार लाइनों से शुरुआत की थी. यह एक बहुत अजीब सा और अब बहुत अटपटा और उदासी जैसा संयोग लगता है. पहल 113 के ऑ... Read more
अभावों से अर्जुन अवार्ड तक का सफ़र
उत्तराखंड के औद्योगिक शहर रुद्रपुर के निवासी पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी मनोज सरकार का नाम साल 2018 के अर्जुन अवार्ड प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों में सूची में शामिल है. मनोज सरकार ने आर्थिक रूप से अ... Read more
अल्मोड़ा से बम्बई चले डेढ़ यार – तीसरी क़िस्त कठोपनिषद की तीसरी वल्ली (अध्याय) का पहला मंत्र है: ऊर्ध्व्मूलोSवक्शाख एशोSश्वत्थः सनातनः ! तदेव शुक्रं तद् ब्रह्म तदेवामृतमुच्यते ! तस्मिंल्लोकाःश्... Read more
गुप्त वंश तथा कुमाऊं भाग-3
तोरमाणः- सन् पांच सौ ई. के लगभग हूण सरदार तोरमाण ने मालवा तक अपना शासन स्थापित किया और महाराजाधिराज की पदवी धारण की. तोरमाण के पुत्र मिहिरकुल की राजधानी शाकल सम्भवतः सहारनपुर देहरादून की सीम... Read more
सरयू आज भी सिसकती है – कुसुमा की त्रासद लोककथा
सुसाट मन को कपोरता है. लग जाता है एक उदेख जिसके अंदर कुहरा जाती है बाली कुसुमा की ओसिल कहानी. सरयू आज भी सिसकती है. इतना तो समय बीत गया. विदित नहीं अब देवराम और सरूली दीदी जीवित होंगे भी कि... Read more
मेरी नानी हिमालय पर मूंग दल रही है
रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ (3 दिसम्बर 1957 – 8 दिसंबर 2015) हिंदी के लोकप्रिय जनकवि हैं. वे स्नातकोत्तर छात्र के रूप में जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय से जुड़े. यह जुड़ाव आजीवन... Read more
बाली उमर का सिनेमा प्रेम और सच बोलने का कीड़ा
लड़के, पढ़ने के लिए देहात से शहर जाते थे. आसपास के इलाकों में अव्वल तो कोई इंटर कॉलेज नहीं था. अगर था भी, तो तब तक उसमें साइंस नहीं खुला था.लड़कों की मजबूरी थी, रोज का तीस किलोमीटर आना-जाना.... Read more
शऊर हो तो सफ़र ख़ुद सफ़र का हासिल है – 15
पहला दखल वो एक नम सुबह थी. ये बताना मुश्किल है कि कल रात की ओस ने देवदार की गहरी हरी छाल और उससे टकराकर निकलती हवाओं में ज्यादा नमी छोड़ी थी या मेरी आँखों में. वो हवा जो पेड़ों के गलियारों से... Read more
स्मृति शेष : मेरी यादों में शमशेर
काफल ट्री के नियमित लेखक, उत्तराखण्ड पुलिस में कार्यरत प्रमोद साह ने अपने छात्र जीवन तथा उसके बाद की डॉ. शमशेर सिंह बिष्ट से जुड़ी स्मृतियाँ साझा की हैं. आज सुबह-सुबह अल्मोड़ा से जब यह मनहूस ख... Read more
लखनऊ में बर्लिंगटन चौराहे से केसरबाग को जाने वाली सड़क पर ओडियन सिनेमाघर से कुछ आगे, बाएं हाथ की तरफ कालीबाड़ी नाम का पुराना मुहल्ला है. वहां काली का पुराना मंदिर होने से यह नाम पड़ा. कालीबाड़ी... Read more