कहो देबी, कथा कहो – 11
साहित्य की दुनिया पूसा इंस्टिट्यूट के भीतर अनुसंधान की दुनिया थी. उसके बाहर एक और दुनिया थी जिसमें मुझे जल्द से जल्द जाना था. वह थी, साहित्य और साहित्यकारों की दुनिया. उस दुनिया के कई स्वप्न... Read more
पिथौरागढ़ का हनुमान मंदिर
वर्तमान में पिथौरागढ़ नगर के लगभग बीचों बीच एक हनुमान का मंदिर है. 1970 में जब इस मंदिर का निर्माण हुआ उस समय यह मुख्य नगर से बिलकुल हटकर एक कोने की ओर था. कुमौड़ गांव से लगे इस मंदिर के निर्म... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 23
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मंदिर में... Read more
झांकर सैम मंदिर की तस्वीरें
भगवान शिव के सबसे विख्यात मंदिरों में से एक उत्तराखंड के जागेश्वर धाम से तीन किलोमीटर की दूरी पर झांकर सैम का मंदिर (Jhankar Saim Temple) अवस्थित है. माना जाता है कि जागेश्वर धाम में तरुण जा... Read more
वह एक आधा कच्चा बचा गाँव था
साधो हम बासी उस देस के – 1 -ब्रजभूषण पाण्डेय हजरात हजरात हजरात! ये एक गांव की कहानी है. गंगा के निर्मल और सोन के विस्तृत पाटों वाले प्रवाह के मध्य जो जीवनदायिनी छोटी नदियाँ बहतीं... Read more
अमित साह का नैनीताल
15 जनवरी 1982 को नैनीताल में जन्मे युवा फोटोग्राफर अमित साह (Photo Essay on Nainital ) ने बीते कुछ वर्षों में अपने लिए एक अलग जगह बनाई है. नैनीताल के ही सीआरएसटी इंटर कॉलेज और उसके बाद डीएसब... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 31
रानी बाग यहां का एक पवित्र स्थान माना जाता है यहां एक पुराना चित्रेश्वर शिवालय के नाम से मंदिर है इस मंदिर को 25 जनवरी 1880 में रामगढ़ के चतुर सिंह द्वारा बनवाकर प्रतिष्ठित किया गया था यहां... Read more
नानकमत्ता का दीपावली मेला
नानकमत्ता जाना जाता है सिक्खों के पवित्र तीर्थ स्थल गुरुद्वारे, बाउली साहिब, दूध का कुँआ और 24 घंटे चलने वाले लंगर के लिए. इन विशेषताओं के अलावा नानकमत्ता की एक और विशेषता है और वह है यहाँ ह... Read more
आयरन वॉल ऑफ़ इंडिया : त्रिलोक सिंह बसेड़ा
1962 में एशियन गेम्स जकार्ता में आयोजित किये गये थे. कोच सैयद अब्दुल रहमान के नेतृत्व वाली भारतीय फुटबाल टीम का यह स्वर्णिम दौर था. एशियन गेम्स के अपने पहले ग्रुप मैच में भारत को दक्षिण कोरि... Read more
पहाड़ और मेरा बचपन – 7 दिल्ली की डीटीसी बसों में मैंने एक समय के बाद टिकट लेना बंद ही कर दिया. मां जब मुझे बस के किराए के लिए तीस पैसे देती, तो मैं मन ही मन सोचने लगता कि तीस पैसे का आज क्या... Read more