हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 36
1962 में डॉक्टर हेमचंद्र जोशी जाड़ों में नैनीताल से हल्द्वानी रहने आया करते थे और कालाढूंगी रोड स्थित पीतांबर पंत के मकान में टिका करते थे. वे बहुत वृद्ध हो गए थे और उनकी आंखें बहुत कमजोर हो... Read more
तिब्बत का पहला भौगोलिक अन्वेषण करने वाले उन्नीसवीं शताब्दी के महानतम अन्वेषकों में से एक माने जाने वाले मुनस्यारी की जोहार घाटी के मिलम गाँव के निवासी पंडित नैनसिंह रावत के बारे में एक लंबा... Read more
अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 7
गुडी गुडी डेज़ अमित श्रीवास्तव झुटपुटे के खेल पूस का महीना था.शाम का समय.पप्पन उदास बैठे थे. इसके प्रदर्शन के लिए उन्होंने ये किया था कि आँखें ऊपर जहां भी शून्य लिखा हुआ हो वहां और अपनी तशरीफ़... Read more
सोरघाटी में वर्षा का देवता मोष्टामानू
पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से 9 किमी के दूरी पर उत्तरी दिशा में मोष्टामानू का मंदिर है. समुद्र तल से इस मंदिर की ऊँचाई 6500 फिट है. चंडाक के दाई ओर स्थित मोष्टामानू का यह पौराणिक मंदिर पिथौरागढ़... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 27
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मंदिर में... Read more
गजे घले ने वैसे तो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दुश्मनों के नाकों चने चबवा के उस समय का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार विक्टोरिया क्रॉस हासिल किया, परन्तु अल्मोड़ा से दिखने वाले हिमालय पर्वतमाला जि... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 35
कला को अपने मनोरंजन या आजीविका के साथ जोड़कर चलने वाले कलाकार तो कई मिल जाएंगे लेकिन हर स्थिति में कलाकार बनकर रहने वाले कुछ विरले ही होते हैं. ऐसे ही एक कलाकार हैं चंद्रशेखर कपिल. इस कलाकार... Read more
तिब्बत का पहला भौगोलिक अन्वेषण करने वाले उन्नीसवीं शताब्दी के महानतम अन्वेषकों में से एक माने जाने वाले मुनस्यारी की जोहार घाटी के मिलम गाँव के निवासी पंडित नैनसिंह रावत के बारे में एक लंबा... Read more
कहो देबी, कथा कहो – 12
लेखकों की संगत भूखी पीढ़ी आंदोलन 1965 के आसपास शांत हुआ तो दिल्ली में अकविता के स्वर मुखर हो उठे. हिंदी के अकवि एक लघु पत्रिका ‘अकविता’ प्रकाशित कर रहे थे जिसमें प्रायः सौमित्र मोहन, मणिका मो... Read more
उत्तराखण्ड के बहाने एक दूरस्थ क्षेत्र में राष्ट्रीय संग्राम के ताने—बाने को समझने का प्रयास
भारतीय स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती के अवसर पर सरफरोशी की तमन्ना नाम से एक पुस्तक प्रकाशित हुई थी. इस महत्वपूर्ण दस्तावेजनुमा पुस्तक में भारत के स्वाधीनता संग्राम में उत्तराखण्ड के योगदान को... Read more