शतरंज का पहला हिन्दुस्तानी खलीफ़ा
शतरंज का नाम लेते ही किसी भी भारतीय के मन में स्वाभाविक रूप से विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनन्द की तस्वीर उभरती है. लेकिन 1930 के आसपास एक भारतीय शतरंज खिलाड़ी दुनिया भर के चैम्पियनों को हरा चु... Read more
प्रकृति के वैभव के बीचोबीच है ऐड़ाद्यो का मंदिर
ऐड़ाद्यो के मंदिर (Airadyo Temple Uttarakhand) पहुँचने के लिए अल्मोड़ा से दो अलग-अलग रास्ते हैं. पहले रास्ते के लिए अल्मोड़ा से रानीखेत के समीप मजखाली होते हुए कोरेछीना पहुँचते हैं. कोरेछीना से... Read more
चंडीदास और रामी धोबन की प्रेम कथा
गई जब रामी धोबन एक दिन दरिया नहाने को वहाँ बैठा था चंडीदास अफ़साना सुनाने को कहा उसने के रामी छोड़ दे सारे ज़माने को बसाना है अगर उल्फ़त का घर आहिस्ता आहिस्ता अमीर मीनाई की लिखी और जगजीत सिंह द्... Read more
गाँव में आवाजें
साहित्य अकादेमी पुरुस्कार से सम्मानित मंगलेश डबराल (Manglesh Dabral) हमारी भाषा के जाने माने कवि हैं. 16 मई 1948 को उत्तराखंड के गढ़वाल में काफलपानी नामक गाँव में जन्मे मंगलेश के प्रकाशित कव... Read more
जिला अल्मोड़ा के अंतर्गत बिनसर-धौलछीना मोटर मार्ग के पास ग्राम कतनिया नैल एक स्वच्छ, सुंदर व संपन्न गाँव है जहां लोगों की पुरानी आबादी है. गाँव वाले अपनी गुजर-बसर में जंगल, बैल, गाय, भैंस पाल... Read more
1956 के मेलबर्न ओलम्पिक में भारत चौथे स्थान पर रहा था. सभी को उम्मीद थी कि 1960 के रोम ओलम्पिक में भारत जरुर पदक लायेगा. लेकिन भारत को इस ओलम्पिक में तत्कालीन विश्व की सबसे मजबूत टीमों के पू... Read more
तू फेक मैं लोक(तंत्र)
गणतन्त्र के मौके पर राष्ट्र का नागरिकों के राष्ट्र का नागरिकों के नाम पत्र मिला था .आज उसका प्रीक्वेल भी मिल गया. तू फेक मैं लोक(तंत्र) ओए राष्ट्र… अबे देस… अमां मुल्क़… सुन... Read more
पंद्रहवीं शताब्दी की उत्तराखण्डी प्रेम कहानी
उत्तराखण्ड की भी अपनी कुछ ऐतिहासिक प्रेम कथाएँ हैं. राजुला-मालुसाई इनमें सर्वाधिक लोकप्रिय प्रेमकथा है. लेकिन कुछ अन्य प्रेम कथाएँ और भी हैं जो आंचलिक रूप से उतनी ही लोकप्रिय है. इनमें से एक... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 109
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
महाकाली और सरयू के संगम पर बसा पंचेश्वर पिछले लम्बे समय से खबरों में है. एक विशाल समाज और हजारों वर्ष पुराने धरोहर के बावजूद आज महाकाली और सरयू का संगम पंचेश्वर बांध के कारण ख़बरों का हिस्सा... Read more