राजुला मालूशाही की प्रेम कथा का एक और संस्करण
उत्तराखण्ड (Uttarakhand) के जनमानस में अतिप्रिय राजुला मालूशाही (Rajula Malushahi) की प्रेमकथा (Love Story) का एक अन्य संस्करण – उन दिनों कुमाऊँ के पहले राजवंश कत्यूरों की राजधानी बैर... Read more
राजुला मालूशाही की प्रेम कथा (Love Story Rajula Malushahi) उत्तराखण्ड की सर्वाधिक लोकप्रिय प्रेम कथा है. पन्द्रहवीं शताब्दी की यह प्रेम कथा आज भी लोकगीतों, लोकनाटकों और लोकगाथाओं में देखी, स... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 111
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
कुमाऊनी होली के अनूठे रंग
ऋतुओं के राजा बसंत का आगमन हो चुका है. इसी के साथ पहाड़ में बैठकी होली की भी धूम मचने लगी है. कुमाऊँ क्षेत्र में होली का त्यौहार ख़ास तरह से मनाया जाता है. कुमाऊनी बैठकी होली की परंपरा (Kuamon... Read more
पहाड़ और मेरा जीवन – 20 (पोस्ट को लेखक सुन्दर चंद ठाकुर की आवाज में सुनने के लिये प्लेयर के लोड होने की प्रतीक्षा करें.) किसी का बचपन पहाड़ में गुजरा हो और वह यह कहे कि उसने कभी किलमोड... Read more
कुमाऊं के पहले क्रांतिकारी जिनके सर पर हज़ार रुपये का इनाम रखा था अंग्रेजों ने
भारत छोड़ो आंदोलन की पहली तारीख को ही कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया. जिसके कारण आंदोलन के नेतृत्वहीन हो चुका था. इसके बाद आंदोलन एक स्वतः-स्फूर्त आंदोलन था जिसमें प्रत्ये... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 110
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
क्यों बननी चाहिये पिथौरागढ़ में यूनिवर्सिटी ?
सत्तर के दशक के शुरूआती साल होंगे. पिथौरागढ़ महाविद्यालय में स्नातकोत्तर की कक्षायें शुरु हो चुकी थी. 1963 में बने पिथौरागढ़ महाविद्यालय में पहले छात्र संघ के चुनाव 1970 में हुये थे. पहले अध्य... Read more
हिन्दी के मूर्धन्य कथाकार-उपन्यासकार शैलेश मटियानी (Shailesh Matiyani) अल्मोड़ा जिले के बाड़ेछीना में 14 अक्टूबर 1931 को जन्मे थे. सतत संघर्ष से भरा उनका प्रेरक जीवन भैंसियाछाना, अल्मोड़ा, इल... Read more
पिता-पुत्री का घर नीलामी की भेंट चढ़ जाता है. वे नायक के यहाँ शरण लेते हैं, जिसके खुद के हालात शरणार्थी जैसे रहते हैं. झेंप के भाव, क्षमाप्रार्थी की सी भंगिमा. जैसे ही उसके मालिकान की नजर नवय... Read more