इसलिए मैं हरीश बम उर्फ हरसू का आज भी कायल हूं
पहाड़ और मेरा जीवन – 26 ठूलीगाड़ में गुजारे दिनों की बात चल रही है, तो किस्से पर किस्से याद आ रहे हैं. पिछले सप्ताह आपने बूबू के रेडियो के बारे में पढ़ा. इस बार भी मैं बूबू से जुड़ी हुई कुछ... Read more
उत्तराखंड में इन दिनों भिटौली का महीना है. इस महीने भाई अपनी बहन या पिता अपनी पुत्री को भिटौली देते हैं. भिटौली के विषय में अधिक इस लेख में पढ़िए. भै भुको, मैं सिती : भिटौली से जुड़ी लोककथा इस... Read more
कुमाऊँ की ऐतिहासिक वीरांगना अस्कोट की रानी धना
ऐतिहासिक वीरगाथा कुमाऊँ में प्रचलित ऐतिहासिक वीरगाथाओं में से एक है अस्कोट की रानी धना (Dhana, Warrior Kumaon) की वीरगाथा. धना डोटी के रैंका शासक कालीचंद के पिता की भांजी और कुमाऊँ की अस्कोट... Read more
पांगू के देवता श्यांगसै और माँ पूर्णागिरी की कथा
Read in English: Myth of Shyangse God of Pangu and Purnagiri Mata भारत के उत्तराखण्ड राज्य के पांगू नामक गांव में श्यांगसै नामक मंदिर है. वह गांव के स्थानीय लोगों के कुल देवता है. चौंदास क... Read more
सड़क को सड़क नहीं, अपना घर समझो
वे पुलिस के बड़े अधिकारी थे और हमारे बचपन के मित्र भी. कल जब वे बहुत दिन बाद शहर आये तो हम दोनों बाइक से शहर घूमने निकले. रास्ते में एक जगह पुलिस चैकिंग हो रही थी. वे ज़ोर से चिल्लाए – ‘अबे रो... Read more
पड़ोसन: ऑल टाइम क्लासिक रोमांटिक कॉमेडी
किंवदंतियों के मामले में पड़ोसन (1968) शायद शोले के बाद दूसरे नंबर पर पड़ती होगी. हिंदी सिनेमा के इतिहास में यह फिल्म ऑल टाइम क्लासिक रोमांटिक कॉमेडी (Padosan: All Time Classic Romantic Come... Read more
भिटौई काफल और हिसालू
उत्तराखंड एक कृषिप्रधान राज्य है. उत्पादन की दृष्टि से भले यहां खेती बहुत कुछ न देती हो लेकिन राज्य की अधिकांश जनसंख्या का मुख्य व्यवसाय कृषि रहा है. इसी कारण यहां के तीज-त्यौहार-परम्परा फसल... Read more
कथाकार पंकज बिष्ट को इस वर्ष के राजकमल चौधरी स्मृति सम्मान (Rajkamal Chaudhari Memorial Award 2019) के लिए चुना गया है. कथा-उपन्यास के क्षेत्र में बिष्ट जी ने नए प्रयोग किए. साहित्य को उनका... Read more
सफल यात्रा का आशीर्वाद देता गुरना माता का मंदिर
टनकपुर तवाघाट राजमार्ग पर पिथौरागढ़ मुख्यालय से 13 किमी की दूरी पर स्थित है मां गुरना देवी मंदिर. गुरना गांव में मंदिर होने के कारण इसे गुरना मंदिर कहा गया है जबकि मंदिर का वास्तविक नाम पाषाण... Read more
शहीद भगत सिंह का लेख: अछूत का सवाल
(भगतसिह का ‘अछूत का सवाल’ नामक लिखा यह लेख जून, 1928 के ‘किरती’ में ‘विद्रोही’ के नाम से प्रकाशित हुआ था.) हमारे देश जैसे बुरे हालात किसी दूसरे देश के नहीं हुए. यहाँ अजब-अजब सवाल उठते रहते ह... Read more