काली कुमाऊँ की काली नदी
काली नदी उत्तराखण्ड की 4 बड़ी नदियों में से एक है. यह गंगा नदी की मुख्य सहायक नदी है. यह कुमाऊँ मंडल में भारत तथा नेपाल की सीमा में प्रवाहित होती है. काली नदी का उद्गम स्थल लप्यालेख दर्रे के... Read more
उत्तराखण्ड के पारम्परिक परिधान व आभूषण
किसी भी क्षेत्र की संस्कृति वस्तुतः वहां के समाज में पीढ़ी दर पीढ़ी चलते आये संस्कारों की एक अवधारणा होती है. समाज में निहित सांस्कृतिक परम्परा को मानव आंखों से देखता तो है ही साथ ही उसे मन से... Read more
अल्मोड़े में कुछ मीठा हो जाए
किसी भी शहर की बाहरी सीमा पर ही अगर मिठाई की दुकानें हों तो शहर की तासीर का अंदाजा लगाने में शायद ही कोई परेशानी होगी. अल्मोड़ा के साथ कुछ इसी टाइप का वाकया पेश आता है. करबला में पुलिस की बै... Read more
उत्तराखंड में एक से एक सुन्दर प्राचीन मंदिर हैं जिनका सदियों पुराना स्थापत्य आज भी चमत्कृत करता है. ऐसा ही एक मंदिर समूह अल्मोड़ा जिले के एक छोटे से गाँव नारायण देवल में है. “अल्मोड़ा जिले के... Read more
पहाड़ों की सुंदरता हम सबको अपनी तरफ आकर्षित करती है और पहाड़ी रास्तों पर यात्रा के अनुभव भी अनमोल होते हैं. लेकिन पहाड़ों में कार या बस से सफ़र के दौरान होने वाली एक सामान्य समस्या के कारण कई लो... Read more
व्यंग्य के लिये विषय की खोज
आज सुबह-2 फोन पर जो ख़बर मिली उसे सुन कर हम खुशी से फूले न समाये. फोन एक बहुत बड़े पत्रकार-लेखक-विचारक का था, जिन्हें हम अपना गुरु मानते हैं और प्रेम से ‘दादा’ कहते हैं. यदि किसी व्यक्ति को ना... Read more
जानलेवा कवि
‘जानलेवा’ उनका तखल्लुस था, ओरिजिनल नाम में जाने की, कभी किसी ने जरूरत ही नहीं समझी. संपादक को जब उन्होंने अपनी हस्बमामूल कविता सुनाई, तो संपादक ने पहले तो रस लेने की भरसक कोशिश क... Read more
1841 में पीटर बैरन द्वारा बसाये गए इस नैनीताल शहर (history of Nainital) में ठीक 146 साल और अपने स्कूल शेरवुड काॅलेज की पढ़ाई छोड़ने के करीब अठारह सालोें के बाद 1987 की शरद् ऋतु में सांसद-अभिने... Read more
रेशमा (1947 से 3 नवम्बर 2013) रेशमा ने ढेरों ऐसे गाने गए हैं जिन्हें पाकिस्तान और हिन्दुस्तान की संगीत प्रेमी जनता ने बराबर प्यार दिया. सुन चरख़े दी मिट्ठी-मिट्ठी हूक माहिया मैनू याद आउंदा,... Read more
कुमाऊँ के मध्यकालीन शासकों में चंद्रवंशी राजा रुद्रचन्द ख़ास महत्त्व रखते हैं. रुद्रचन्द स्वयं विद्वान थे और विद्वानों का आदर भी किया करते थे. वे एक बेहतरीन कवि और नाटककार थे. वे संस्कृत के न... Read more