बागेश्वर के खर्कटम्टा गांव से तीन ताम्र शिल्प कारीगरों की बात जो लुप्त होती कला को बचाने में लगे हैं
बागेश्वर जिले के खर्कटम्टा गांव में कभी तांबे से बनने वाले बर्तनों की टन्न… टन्न की गूंज दूर घाटियों में सुनाई पड़ती थी, लेकिन वक्त की मार के चलते ये धुनें अब कम ही सुनाई देती हैं. हांलाकि,... Read more
शालिग मामा जी की शादी (26 अक्टूबर 1967 तारीख मामी जी ने बतायी है) की याद है. बरात तल्ली चामी से नैल गांव (लगभग 10 किमी पैदल) जानी थी. रॉकी (मौसी का लड़का) अर मैंने बरात में जाने का गुपचुप प्ल... Read more
गढ़वाल की राजधानी देवलगढ़ से श्रीनगर स्थानान्तरित हो चुकी थी. राजा महिपति शाह की मृत्यु के बाद उनके पु़त्र पृथ्वीपति शाह राज गद्दी के उत्तराधिकारी हुये. उस समय पृथ्वीपति शाह की उम्र महज सात... Read more
सालाना करोड़ों मुनाफ़ा कमाने वाली चंडाक मैग्नेसाइट फैक्ट्री के बंद होने की कहानी
प्रख्यात भूगर्भशास्त्री डॉ. खड्ग सिंह वल्दिया ने अपने अध्ययन में यह आंकलन किया था कि पिथौरागढ़ जनपद में मैग्नेसाइट के विशाल भंडार विद्यमान हैं. तदन्तर प्रोफेसर नौटियाल, नाथ एवं बाकलू, दूबे ए... Read more
महाभारत पढ़ने का सही तरीका
पुराने लोग कहते थे, घर में महाभारत नहीं रखनी चाहिए. जिस घर में रहेगी, उसी घर में महाभारत शुरू हो जाएगी. वे बच्चों को महाभारत पढ़ने से रोकते थे, टोकते थे.(Mahabharata Lalit Mohan Rayal) जानका... Read more
यह तस्वीर रामगंगा की है. तस्वीर 1892 में अपनी भारत यात्रा के दौरान जर्मन फोटोग्राफर कर्ट बोएक ने ली है. इस तस्वीर को उन्होंने अपनी किताब में शामिल किया जो 1894 में प्रकाशित हुई. जर्मन भाषा म... Read more
सिलबट्टे (सिल-लौढ़) का उत्तरांचली रसोई में एक विशेष महत्व रहा है. शगुन के एकाकी कार्य हो या रोजमर्रा की जिंदगी में रसोई चलाने के, सिलबट्टा हमारे पुरखों का जूसर, मिक्सर व ग्राईन्डर (थ्री-इन-व... Read more
आप शिकंजी पीना चाहेंगे?
निजी कारणों की वजह से शुरुआत में ही मैं खुद को इस वाकये से अलग कर लेता हूँ. तो वो एक पुलिस चौकी थी जिसमें चार सीसीटीवी कैमरे लगने थे. तीन बाहर और एक अंदर. बाहर के सभी कैमरे लगने के बाद चौकी... Read more
अतीत को छोड़ दो, बंधनों को तोड़ दो
जन्म के वक्त हम सभी शरीर और दिमाग के स्तर पर एक जैसे होते हैं, लेकिन हम जीवनकाल में अपने शरीर और दिमाग का अपनी-अपनी तरह से इस्तेमाल करते हैं और मृत्यु के वक्त इस दुनिया में अपनी अलग पहचान छो... Read more
ऐतिहासिक संदर्भ कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्र में मुख्य रूप से अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, रानीखेत और नैनीताल में ताज़िया बनाने की बहुत पुरानी परम्परा है. गमी का यह पर्व हिन्दू-मुस्लिम एकता और आपसी सह... Read more