बेटे के परदेश और बेटी के ससुराल जाने की पुरानी रवायत पहाड़ों में रही है. बेटों को बड़े शहर भेजना पहाड़ियों की मज़बूरी ही कहा जा सकता है. कौन जो चाहेगा उसकी अगली पीढ़ी भी पहाड़ में ही अपने हा... Read more
उत्तराखण्ड के जिस स्थान पर रावण ने मुण्डों की आहूति देकर पितामह ब्रह्मा को रिझाया था, उस स्थान का नाम है- बैरासकुण्ड. यह स्थान जनपद चमोली के परगना दशोली के अन्तर्गत नन्दप्रयाग से 10 किलोमीटर... Read more
उत्तराखंड की वनराजी जनजाति पर जमीनी रपट
उत्तराखंड की पांच जनजातियों थारू, बोक्सा, भोटिया, जौनसारी और वनराजी में संभवतः सबसे पिछड़ी और कम जनसंख्या वाली जनजाति है वनराजी. यह जनजाति उत्तराखंड के अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित पिथौरागढ़... Read more
मासी, रैमासी, जटामासी किसी भी नाम से पुकार लीजिये इसकी महक कम न होगी. पहाड़ के अनेक लोकगीतों में इसके फूल का रहस्यमयी अंदाज में जिक्र हुआ है. ऐसा फूल जो ऊंचे कैलास में फूलता है. ऐसा फूल जो म... Read more
उत्तराखंड के लोक में अमर प्रेम गाथाएं
उत्तराखण्ड के इतिहास में यदि हम समाज को देखना शुरू करते हैं तो पाते हैं कि वर्तमान भेदभाव पूर्ण नितियां या वर्तमान जाति व्यवस्था का आंकड़ा यही कोई 4-5 सौ सालों पहले फिट बैठाया गया होगा. वीर... Read more
बद्रीनाथ की 125 साल पुरानी तस्वीर
यह तस्वीर बद्रीनाथ की है. जिसे जर्मन फोटोग्राफर कर्ट बोएक ने 1892 की अपनी भारत यात्रा के दौरान खींचा था. बोएक ने इस तस्वीर को अपनी किताब में शामिल किया जो साल 1894 में प्रकाशित हुई. (Old Pho... Read more
पहाड़ी महिलाएं पलायन के लिये कितनी जिम्मेदार
पलायन पहाड़ी गावों की संभवतया सबसे बड़ी समस्या के रूप में सामने है. इसके कारणों पर बड़े-बड़े विशेषज्ञ अपनी बात कहते हैं और समाधान के लिए बड़े भारी भरकम आयोग स्थापित हो गए हैं, लेकिन फिलहाल इ... Read more
मडुवे की गुड़ाई के बीच वो गीत जिसने सबको रुला दिया
चौमास (बरसात) में बारिश से जरा सी राहत मिली कि सारे गांव के लोग कोदा-झंगोरा गोड़ने खेतों की ओर चल पड़ते. मर्द बैल जोत कर कोदे में ददंला लगाते और छुट्टी पायी. बाकी काम महिलाओं के हिस्से. खरपत... Read more
उत्तराखण्ड के पारम्परिक लोक पर्व को पुनर्जीवित करने हेतु भाव राग ताल की कार्यशाला
भाव राग ताल नाट्य अकादमी पिथौरागढ़ द्वारा ओएनजीसी के सहयोग से पिथौरागढ़ जिले के दो गांव बसौड़ और बोकटा में कार्यशाला आयोजित की गई. जिसमें उत्तराखण्ड के पारम्परिक लोक पर्व जैसे हिलजात्रा एवं... Read more
पेंटिंग के माध्यम से आपबीती कहकर मुनस्यारी के नन्हे बच्चों का दुनिया को एक जरूरी संदेश
शाखें रहेंगी तो फूल भी पत्ते भी आयेंगे,ये दिन अगर बुरे हैं तो अच्छे भी आयेंगे (Munsiyari Dhapa Village Children’s Painting) शायद कुछ यूं ही कहना चाह रहे हैं ये कल के नन्हें पौंधे, अपने... Read more