बाबा रामदेव हमेशा चर्चा में रहने के आदी हो गए हैं या कहना चाहिए कि उन्हें चर्चा में रहने की लत लग चुकी है. जब किसी को किसी चीज की लत लग जाती है, तो वह साम, दाम, दंड, भेद, कैसे भी उसे पाकर ही... Read more
पिछली सहस्राब्दी के आखिरी महीने में अपने हंगेरियन विद्यार्थियों को मैंने अपने इलाके का परिचय देने के लिए मशहूर लोकगायक नैन नाथ रावल का यह कुमाऊनी गीत सुनाया :(Himuli Hyoon Pado Nainnath Rawa... Read more
नैनीताल में पत्रकारिता का परचम फहराने वाले ‘विष्णु दत्त उनियाल’ की जन्म शताब्दी
आज से ठीक पैंसठ वर्ष पहले 1956 में उन्होंने पहली बार, पहले दैनिक अखबार ‘पर्वतीय’ का प्रकाशन शुरू करके पर्यटन नगरी नैनीताल में पत्रकारिता का परचम फहराया था. आज कड़े जीवन संघर्ष में तपे उस जुझ... Read more
गाली में भी वात्सल्य छलकता है कुमाउनी लोकजीवन में
किसी भी सभ्य समाज में गाली एक कुत्सित व निदंनीय व्यवहार का ही परिचायक है, जिसकी उपज क्रोधजन्य है और परिणति अपने मनोभावों से दूसरों के दिल को चुभने वाले शब्द कहकर मानसिक रूप से प्रताड़ित करना... Read more
आजादी के लिए टिहरी रियासत का संघर्ष
टिहरी राजा के राज में ब्रिटिश हुक्मरान गवर्नर हेली ने एक अस्पताल बनाना चाहा. यह अस्पताल नरेंद्र नगर में बनना था. इसकी नींव रखे जाने के सारे प्रबंध टिहरी के राजा ने कर दिए. रियासत में मुनादी... Read more
बच्चों की प्रतिभा बाल्यकाल में ही पहचान ली जाए तो उसे उचित प्रशिक्षण देकर तराशना आसान हो जाता है. बहुत सारे बच्चे जन्मजात प्रतिभासम्पन्न होते हैं. अधिकतर, अपेक्षित प्रशिक्षण और मंच के अभाव स... Read more
अलकनंदा के तट पर बसा बद्रीनाथ धाम अत्यंत लोकप्रिय है. उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है. सातवीं से नवीं सदी के बीच बना यह मंदिर चार धामों में शामिल है. बद... Read more
आसन नदी और उससे जुड़ी पौराणिक मान्यतायें
देहरादून में शिवालिक पहाड़ी की उत्तरी ढलान पर क्लेमेन्टाउन से पश्चिम दिशा में एक गांव है जिसका नाम चन्द्रबनी है. चन्द्रबनी एक ऐसा प्राचीन स्थान है जिसका जिक्र पौराणिक कहानी कथाओं में मिल जात... Read more
उत्तराखंड में स्थित नारद मुनि की तपस्थली
बद्रीनाथ धाम के पास स्थित नारद कुंड से अधिकाँश लोग परिचित हैं. बद्रीनाथ यात्रा के दौरान इस कुंड के विषय में माना जाता है कि इसमें स्नान करने से पुण्य प्राप्ति होती है. यह भी माना जाता है कि... Read more
दूसरा विश्व युद्ध समाप्त हुए डेढ़ दशक हुए थे और दुनिया साम्राज्यवाद के नरम संस्करणों में शांति और समृद्धि के नए रास्ते तलाश रही थी. युद्ध की विभीषिका के बाद विज्ञान से बेहतर कल की अपेक्षाएं... Read more