दिन गुजरा रातें बीतीं और दीर्घ समय अंतराल के बाद कागज काला कर मन को चटक बना, होठों पे मुस्कान…
हरे-घने हिमालयी जंगलों में, कई लोगों की नजरों से दूर, एक छोटी लेकिन वृक्ष की बहुत महत्त्वपूर्ण प्रजाति पाई जाती…
उत्तराखण्ड में जमीनों के अंधाधुंध खरीद फरोख्त पर लगाम लगाने और यहॉ के मूल निवासियों के हक हकूकों को बनाए…
देवेन्द्र मेवाड़ी साहित्य की दुनिया में मेरा पहला प्यार था. दुर्भाग्य से हममें से कोई कविता नहीं लिखता था इसलिए…
किताब की पैकिंग खुली तो आकर्षक सा मुखपन्ना था, नीले से पहाड़ पर सफेदी के स्ट्रोक, गाढ़े हरे पीले बसंती…
गढ़वाल का प्रवेश द्वार और वर्तमान कोटद्वार-भाबर क्षेत्र 1900 के आसपास खाम स्टेट में आता था. भारत में उस दौरान…
पिछली कड़ी : बहुत कठिन है डगर पनघट की ब्रह्मपुरी की बात चली थी उन दिनों उत्तराखंड के भूगोल पर…
आइए, मेरे गांव के लोक देवता लोहाखाम के पर्व में चलते हैं. यह पूजा-पर्व ग्यारह-बारह साल में मनाया जाता है.…
अमित श्रीवास्तव के हाल ही में आए उपन्यास 'तीन' को पढ़ते हुए आप अतीत का स्मरण ही नहीं करते वरन्…
उत्तराखंड के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद जी ’घन्ना भाई’ हमारे बीच नहीं रहे. देहरादून स्थित एक अस्पताल में आज दोपहर…