बर्फबारी के मौसम में शिव मंदिर तुंगनाथ की तस्वीरें
विश्व में सबसे ऊंचाई पर स्थित भगवान शिव का मंदिर है तुंगनाथ में. रुद्रप्रयाग जिले में स्थित यह मंदिर समुद्र तल से 3680 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है. यह मंदिर पंचकेदारों में एक है. पंचकेदारों मे... Read more
आखिरकार इंतजार खत्म हुआ और कुमाऊं और गढ़वाल की पहाड़ियों में बीती रात बर्फबारी हो ही गयी. इस साल अब तक बर्फबारी न होने की वजह से जहां एक ओर पर्यावरणविद चिंतित थे दूसरी ओर पर्यटक भी खासे मायूस... Read more
उत्तराखंड में ऐसे पुल भी होते थे
एटकिन्सन ने अपनी किताब हिमालयन गजेटियर में उत्तराखंड में परिवहन व्यवस्था पर विस्तार से लिखा है. यहां नदियों पर पाये जाने वाले पुलों के संबंध में एटकिन्सन ने दूसरे कमिश्नर ट्रेल के हवाले से ल... Read more
कुमाऊंनी लोक साहित्य में नारी का विरह
सामान्य जनों या आशुकवियों द्वारा मौखिक परम्परा के रुप में अभिव्यक्त साहित्य लोक साहित्य कहलाया. परिवेश के अनुसार उसकी अभिव्यक्ति विरह और मिलन दोनों रुपों में हुई है. नारी यों तो सृष्टि की वह... Read more
देशभक्त मोहन जोशी: स्वतंत्रता सेनानी जो अंग्रेजों की मशीनगन के सामने भी नहीं झुके
कुमाऊं के स्वतन्त्रता संग्राम में मोहन जोशी एक ऐसा नाम रहा है जिसने बतौर संग्रामी के ही नहीं, अपितु यशस्वी संपादक के रुप में अपना विशिष्ट स्थान बनाया. मोहन जोशी ऐसे यशस्वी संग्रामी रहे जिनकी... Read more
वापसी: एक पहाड़ी ब्वारी की व्यथा
“बिना पूजा के बात नहीं बनेगी, भाई. बिलकुल नहीं बनेगी.” दीपक अपनी माँ की ओर देखते हुए सुभाष से बोला. (Wapsi Story by Yugal Joshi) सुभाष ने हैरान होकर उसकी ओर देखा. पूजा से उसका क्या मतलब... Read more
काफल तोड़ने वाले लड़के और बूढी चुड़ैल की लोककथा
एक इन्दरू मोल्या था. उसके माँ बाप नहीं थे. वह गायों के साथ रहता था. एक दिन वह गाय चरा रहा था तभी उसकी इच्छा काफल खाने की हई. वह काफल के पड़ पर चढ़ गया और काफल खाने खाने लगा, तभी एक डक्... Read more
ट्रेल: कुमाऊं में अंग्रेजी राज का संस्थापक
भारत के अन्य भागों की तरह कुमाऊं में भी अंग्रेजों ने अपनी कूट-नीति से सारे कुमाऊं-गढ़वाल में अपना अधिकार 1815 तक कर लिया. अपने राज्य की नींव को गहरा करने के लिए, उन्होंने ‘चीनी में लिप... Read more
बचपन से भवाली के ताजमहल के नाम से जाने जाने वाली राजपुताना राजघराने की एक धारोहर के बारे में जानने की मेरी हार्दिक इच्छा रही है. दोस्तों के साथ खाली समय में शाम के वक्त वहाँ जाना और उसके मध्... Read more
सुनहरे गणतंत्र में उत्तराखंड के लोग
हमसे तो कभी गणतंत्र भी साफ़ साफ़ न कहा गया. हमारे लिये हमेशा आज का दिन 26 जनवरी हुआ. स्कूल में भी 26 जनवरी को छुट्टी ही रही. कभी बढ़िया मासाप रहे तो उन्होंने झंडा फरहाने का काम कर दिया तब शा... Read more