टिहरी नगर और रियासत की स्थापना तिथि
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree पिछले कुछ सालों से, ये सवाल काफी बेचैन करता था कि टिहरी नगर/रियासत स्थापना दिवस पर सर्वसम्मति क्यों नहीं है. दो सौ साल पुरा... Read more
पहाड़ियों के लिए माल्टा कोई देश नहीं है
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree देश और दुनिया के लोग जब माल्टा शब्द सुनते हैं तो उनके दिलो-दिमाग में समुद्र की लहरे और उससे घिरे एक देश का चित्र बनाता है.... Read more
कुमाऊं में तंत्रवाद
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree वज्रयान का प्रचार कुमाऊँ में मगध के पाल और सेन राजाओं द्वारा हुआ था. बर्मा में भी पीन धर्म की कुछ बातों को बौद्ध धर्म को आत... Read more
एक आदमखोर की सच्ची कहानी ‘डेविल ऑफ चम्पावत’
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree यह करीब 100 बरस पहले की बात है, कुमाऊं और नेपाल में महाकाली नदी से लगे एक बड़े इलाके में अचानक औरतें और बच्चे गायब होने लगे... Read more
पुराणों में चम्पावत
काली कुमाऊं की राजधानी के रूप में जाना जाने वाला चम्पावत शहर कुमाऊं के सबसे पुराने शहरों में एक शहर है. कुमाऊं में बसे सभी शहरों में चम्पावत सबसे पहले व्यवस्थित ढंग से बसा शहर था. कुमाऊं के... Read more
मसूरी के नाम की स्पेलिंग कैसे बदली
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree कहने को तो कहा जाता है कि नाम में क्या रखा है पर हकीकत में नाम में बहुत कुछ रखा होता है. कम से कम पहाड़ में रखे जाने व... Read more
सोमवारी महाराज की सम्पूर्ण जीवन-गाथा
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree पूज्य सोमवारी महाराज का प्रादुर्भाव उन्नीसवीं सदी के अन्त में कूर्मांचल में हुआ तथा बीसवीं सदी के दूसरे दशक तक वे घर-घर प्र... Read more
‘द्वाराहाट’ उत्तराखंड के इतिहास की एक रोशन खिड़की
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree द्वाराहाट, उत्तराखंड के उन प्राचीनतम कस्बों में है जिसकी पहचान और उपस्थिति इतिहास के हर दौर में किसी न किसी रूप में रही है.... Read more
महाभारत में बदरीनाथ धाम
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree बदरीनाथ धाम के विषय में महाभारत में अलग-अलग जगह लिखा गया है. यह माना जाता है कि महाराज पांडु बदरीनाथ के समीप पांडुकेश्वर मे... Read more
रानीखेत और अल्मोड़ा की बरसों पुरानी तस्वीरें
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree जेम्स कैनेडी 1839 से 1877 के बीच भारत में रहे. उनकी किताब लाइफ़ एंड वर्क बनारस एंड कुमाऊं दो भागों में है. एक हिस्से में वह... Read more