कुमाऊनी बोली के प्रकार
ग्रियर्सन, गंगादत्त उप्रेती तथा बद्रीनाथ पांडे और राहुल सांकृत्यायन ने कुमाऊं में प्रचलित बोलियों के नमूने दिए हैं. एक उदाहरण द्वारा बोलियों का अंतर स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है. पंडित... Read more
केदारघाटी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्यमिकता के लिए जानी जाती है. लेकिन इस घाटी में सनातन धर्म के तीन प्रमुख संप्रदायों शैव, वैष्णव और शाक्त का समन्वय भी देखने को मिलता है. जिससे यह अपन... Read more
छपरा के रहने वाले अल्मोड़ा में बेच रहे हैं काफल
अरे हाँ, काफल पर याद आया. पिछले वर्ष खड़ा-खड़ी अल्मोड़ा जाना हुआ. समय ऐसा ही रहा होगा और तभी काफल भी आने शुरु हो गए थे. पहाड़ जाने पर मेरे साथ दो चीजें होतीं हैं. हल्द्वानी तक गया तो भट, गौह... Read more
माँ का सिलबट्टे से प्रेम
स्त्री अपने घर के वृत्त में ही परिवर्तन के चाक पर घूमती रहती है. वह भी बदलते समय के साथ-साथ ही अपने घर के परिदृश्य को भी विकास के नवीनतम रुप में परिवर्तित करती रहती है. देखा जाये तो यही उसक... Read more
–रामचन्द्र नौटियाल अंग्रेजों के रंवाईं परगने को अपने अधीन रखने की साजिश के चलते राजा नेे मन मसोसकर टिहरी को बनाया ठिकाना गोरखों के आतंक से गढ़वाल राज्य को राहत दिलाने के बाद अंग्रेजों... Read more
अप्रैल 2024 की चोपता-तुंगनाथ यात्रा के संस्मरण
-कमल कुमार जोशी समुद्र-सतह से 12,073 फुट की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ को संसार में सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर बताया जाता है. चोपता अत्यधिक घने जंगलों, मखमली घास के बुग्यालों और हिमालय की... Read more
कार्तिक स्वामी मंदिर उत्तराखंड राज्य में स्थित है और यह एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल है. यह मंदिर गढ़वाल क्षेत्र के रुद्रप्रयाग जिले में है. यह स्थान भगवान कार्तिक (भगवान शिव के जेष्ठ पुत्र)... Read more
‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा
‘जोहार में भारत के आखिरी गांव मिलम ने निकट आकर मुझे पहले यह अहसास दिया कि जैसे बस्ती और सभ्यता के चिन्हृ उससे आगे नहीं होंगे. आगे मनुष्य नहीं होंगे…लेकिन चेतना तुरंत इस मनःस्थिति से अल... Read more
‘भिटौली’ छापरी से ऑनलाइन तक
पहाड़ों खासकर कुमाऊं में चैत्र माह यानी नववर्ष के पहले महिने बहिन बेटी को भिटौली देने की एक अनूठी परम्परा है जो कि सदियों से चली आ रही है और आज भी बदलते समय में नये कलेवर के साथ मौजूद है.(Bh... Read more
मशकबीन: विदेशी मूल का नया लोकवाद्य
आज 10 मार्च को विश्व मशकबीन दिवस है. इस दिन, मशकबीन के सदियों पुराने इतिहास और सांस्कृतिक महत्व को ससम्मान याद किया जाता है. दुनिया भर में प्रचलित मशकबीनों के आकार-प्रकार पर चर्चा की जाती है... Read more