आजकल इग्लिश मीडियम में बच्चों को पढाने का चलन है. कहते हैं समय के साथ जरूरी है, बच्चों का विकास होता है वगैरह वगैरह कई तर्क हैं. ये सही है या गलत इस पर अपनी राय नहीं दे पाऊंगा. पाठकगण अपने-अ... Read more
कमल जोशी की फोटोग्राफी में बसता पहाड़
स्वतंत्र फोटोग्राफर पत्रकार और सोशल एक्टिविस्ट स्व. कमल जोशी की फोटोग्राफी में पहाड़ का जीवन, दर्द वहां की परंपराएं और पहाड़ में हो रहे बदलावों की झलक दिखती थी. उनकी पहाड़ और हिमालय की यात्र... Read more
पहाड़ में लड़के का परदेश जाना बेटी की विदाई से कम नहीं होता था. जो लोग हमारी उमर के हैं या बड़ी उमर के हैं या अब भी जो लड़के गांव से नौकरी के लिए जाते हैं सबको लगभग यही शिक्षा मिलती हैं. जिस-... Read more
अल्मोड़े का लच्छी राम थिएटर उर्फ़ रीगल सिनेमा
1968-69 का अल्मोड़ा शहर और उसकी शांत मॉल रोड जिस पर बड़े डाकख़ाने के निकट स्थित था, अल्मोड़े का प्रमुख मनोरंजन केंद्र – रीगल सिनेमा. उस समय रेडियो पर प्रसारित गिने-चुने कार्यक्रमों और फ़िल्म... Read more
1955 भारत और सोवियत संघ के बीच गर्मजोशी के रिश्तों का बरस था. भारत के दौरे पर सोवियत रूस के दो बड़े नेता आये और भारत और सोवियत रूस के बीच संबंधों का एक नया अध्याय लिखा जाना था. रूस से आये दो... Read more
आज आंचलिक त्यौहार वट सावित्री है
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में आज का दिन बड़ा पवित्र माना जाता है. आज महिलाएं वट सावित्री का उपवास रखती हैं. ज्येष्ठ मास, कृष्णपक्ष में मनाया जाने वाला यह त्यौहार पति की दीर्घायु, अखंड सौभाग्... Read more
कुमाऊनी बोली के प्रकार
ग्रियर्सन, गंगादत्त उप्रेती तथा बद्रीनाथ पांडे और राहुल सांकृत्यायन ने कुमाऊं में प्रचलित बोलियों के नमूने दिए हैं. एक उदाहरण द्वारा बोलियों का अंतर स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है. पंडित... Read more
केदारघाटी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्यमिकता के लिए जानी जाती है. लेकिन इस घाटी में सनातन धर्म के तीन प्रमुख संप्रदायों शैव, वैष्णव और शाक्त का समन्वय भी देखने को मिलता है. जिससे यह अपन... Read more
छपरा के रहने वाले अल्मोड़ा में बेच रहे हैं काफल
अरे हाँ, काफल पर याद आया. पिछले वर्ष खड़ा-खड़ी अल्मोड़ा जाना हुआ. समय ऐसा ही रहा होगा और तभी काफल भी आने शुरु हो गए थे. पहाड़ जाने पर मेरे साथ दो चीजें होतीं हैं. हल्द्वानी तक गया तो भट, गौह... Read more
माँ का सिलबट्टे से प्रेम
स्त्री अपने घर के वृत्त में ही परिवर्तन के चाक पर घूमती रहती है. वह भी बदलते समय के साथ-साथ ही अपने घर के परिदृश्य को भी विकास के नवीनतम रुप में परिवर्तित करती रहती है. देखा जाये तो यही उसक... Read more