102 बरस का हुआ नैनीताल बैंक
31 जुलाई, 1922 को भारत रत्न पंडित गोविन्द बल्लभ पंत के संरक्षण में कुमाऊँ के प्रतिष्ठित नागरिकों सर्व श्री मथुरा दत्त पांडेय, मोहन लाल साह, परमा साह, अब्दुल क़य्यूम आदि के साथ नैनीताल बैंक क... Read more
बुकिल : एक आत्मकथा
मैं बुकिल हॅू, कुछ लोग मुझे बकौल भी बोलते हैं. वह बकौल नहीं, जो अरबी भाषा का शब्द होते हुए भी आम बोलचाल में कथनानुसार के अर्थ में खूब प्रयुक्त होता है. बल्कि वह बकौल का पौधा, जो उत्तराखंड के... Read more
जी रया जागि रया यो दिन यो मास भेटने रया
लाग हरैला, लाग बग्वालीजी रया, जागि रयाअगास बराबर उच्च, धरती बराबर चौड है जयास्यावक जैसी बुद्धि, स्योंक जस प्राण है जोहिमाल म ह्युं छन तक, गंगज्यू म पाणि छन तकयो दिन, यो मास भेटने रया (Harela... Read more
कल हरेला है
पहाड़ियों के घर में आज हरेला तैयार हो चुका होगा. हरेला यानी पांच या सात प्रकार के अनाजों की हरी-पीली लम्बी पत्तियां. कल हरेले की पूजा होगी और हरेला काटा भी जायेगा. काटने के बाद पहाड़ी इसे अप... Read more
चौमास में पहाड़
आजकल तो चौमास या बरसात के महिनों में एक डर बना रहता है कि कहां पहाड़ दरक जाये, कहां नदी रास्ता बदल दे, कहां सड़क पर मलवा आ जाय, कहां जन-हानि हो जाय? लेकिन पहले चौमास इतना भी डरावना नहीं था.... Read more
हरेला कब बोया जाता है
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree उत्तराखंड के पहाड़ों में रहने वाले लोग कुदरत से मोहब्बत और सम्मान को दर्शाने वाले अनेक लोकपर्व मनाते हैं. हरेला इन्हीं लोकप... Read more
आजकल इग्लिश मीडियम में बच्चों को पढाने का चलन है. कहते हैं समय के साथ जरूरी है, बच्चों का विकास होता है वगैरह वगैरह कई तर्क हैं. ये सही है या गलत इस पर अपनी राय नहीं दे पाऊंगा. पाठकगण अपने-अ... Read more
कमल जोशी की फोटोग्राफी में बसता पहाड़
स्वतंत्र फोटोग्राफर पत्रकार और सोशल एक्टिविस्ट स्व. कमल जोशी की फोटोग्राफी में पहाड़ का जीवन, दर्द वहां की परंपराएं और पहाड़ में हो रहे बदलावों की झलक दिखती थी. उनकी पहाड़ और हिमालय की यात्र... Read more
पहाड़ में लड़के का परदेश जाना बेटी की विदाई से कम नहीं होता था. जो लोग हमारी उमर के हैं या बड़ी उमर के हैं या अब भी जो लड़के गांव से नौकरी के लिए जाते हैं सबको लगभग यही शिक्षा मिलती हैं. जिस-... Read more
अल्मोड़े का लच्छी राम थिएटर उर्फ़ रीगल सिनेमा
1968-69 का अल्मोड़ा शहर और उसकी शांत मॉल रोड जिस पर बड़े डाकख़ाने के निकट स्थित था, अल्मोड़े का प्रमुख मनोरंजन केंद्र – रीगल सिनेमा. उस समय रेडियो पर प्रसारित गिने-चुने कार्यक्रमों और फ़िल्म... Read more