डॉ शिवप्रसाद डबराल : जिन्होंने अपनी जमीन बेचकर भी उत्तराखंड का इतिहास लिखा
छः वर्षों तक सूरदास बने रहने के कारण लेखन कार्य रुक गया था. प्रकाशन कार्य में निरंतर घाटा पड़ने से प्रेस बेच देना पड़ा. ऑपरेशन से ज्योति पुन: आने पर पता चला कि दर्जनों फाइलें, जिसमें महत्वपूर्... Read more
तब कुत्ता टैक्स भी देना होता था नैनीताल में
आज जब नैनीताल अपने अस्तित्व को बचाने के लिए अनेक स्तरों पर जूझ रहा है यह देखना दिलचस्प होगा कि जिस नगर को बने अभी दो दौ साल भी नहीं बीते हैं उसकी ऐसी हालत कैसे हुई होगी. सी. डब्लू. मरफी की क... Read more
उत्तराखड में स्थापत्य एवं मूर्तिशिल्प का बेजोड़ नमूना : कटारमल का सूर्य मंदिर
संसारभर में समुद्र की सतह से सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित एकमात्र सूर्य मंदिर तथा कोणार्क (ओडिशा) के सूर्य मंदिर के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा सूर्य मंदिर उत्तराखड में कटारमल (अल्मोड़ा) स्थित सूर... Read more
मजा बड़ी चीज है चचा! पहाड़ से हमें क्या लेना देना!
इस बार पुट्टन चाचा पहाड़ से वापस आए तो उनके कैमरे में गदेरों से ज्यादा धुंआ भरा था. फोन गैलरी में कहीं लंबा जाम लगा था तो कहीं जंगलों का मसान लगा था. (Uttarakhand Devastated by Silly Practic... Read more
गंगा मंदिर मुखीमठ: गंगा मैया का शीतकालीन प्रवास
उत्तरकाशी गंगोत्री रोड पर 73 किमी की दूरी पर बसे खूबसूरत गाँव हरसिल को भला कौन नहीं जानता. हरसिल से ही भागीरथी नदी को पार कर लगभग 3.50 किमी की दूरी तय करने के बाद आता है मुखबा. हरसिल से 3 कि... Read more
हमारे एक कुमाउंनी मित्र ने कुछ समय पूर्व अपनी आंखों का आपरेशन कराया. उन्हें मोतियाबिंद हो गया था. मिलने पर जब बातचीत हुई तो उन्होंने आंखों में ‘बडू जाव’ शब्द का प्रयोग किया, मोतियाबिंद का नह... Read more
इष्टदेव से न्याय पाने की गुहार है घात डालना
यूँ तो घात लगाने का सामान्य अर्थ होता है, शिकायत, चुगली अथवा किसी अन्य व्यक्ति के खिलाफ कही गयी बात को पीछे से उस तक पहुंचाना. किन्तु एक वाक्यांश के रूप में क्रियांश ‘डालना’ से इसका अर्थ बदल... Read more
क्या कालिदास का जन्मस्थान उत्तराखंड में है?
कालिदास विश्व में सर्वाधिक पढ़े जाने वाले लेखकों में हैं. उनकी पुस्तक अभिज्ञानशाकुन्तलम पहली भारतीय पुस्तक है जिसका किसी यूरोपीय भाषा में अनुवाद किया गया. पिछले कई वर्षों से न जाने कितने लोगो... Read more
कल्पकेदार: सत्रहवीं शताब्दी का पौराणिक शिव मंदिर
साल 1945 में धराली के ग्रामीणों को गंगा नदी के किनारे मंदिर का शीर्ष भाग नजर आया. कौतुहल के साथ ग्रामीणों ने खुदाई शुरू की. लगभग 14 फीट की खुदाई के बाद कल्प केदार मंदिर समूह का एक समूचा शिव... Read more
भारतीय राजनीति में हेमवंती नंदन बहुगुणा को चाणक्य का दर्जा दिया जाता है. उन्हें दूरदर्शी, जनप्रिय नेता माना जाता है. उनके राजनीतिक विवेक के कायल विरोधी तक हुआ करते थे. वे आजादी के आन्दोलन की... Read more