इष्टदेव से न्याय पाने की गुहार है घात डालना
यूँ तो घात लगाने का सामान्य अर्थ होता है, शिकायत, चुगली अथवा किसी अन्य व्यक्ति के खिलाफ कही गयी बात को पीछे से उस तक पहुंचाना. किन्तु एक वाक्यांश के रूप में क्रियांश ‘डालना’ से इसका अर्थ बदल... Read more
क्या कालिदास का जन्मस्थान उत्तराखंड में है?
कालिदास विश्व में सर्वाधिक पढ़े जाने वाले लेखकों में हैं. उनकी पुस्तक अभिज्ञानशाकुन्तलम पहली भारतीय पुस्तक है जिसका किसी यूरोपीय भाषा में अनुवाद किया गया. पिछले कई वर्षों से न जाने कितने लोगो... Read more
कल्पकेदार: सत्रहवीं शताब्दी का पौराणिक शिव मंदिर
साल 1945 में धराली के ग्रामीणों को गंगा नदी के किनारे मंदिर का शीर्ष भाग नजर आया. कौतुहल के साथ ग्रामीणों ने खुदाई शुरू की. लगभग 14 फीट की खुदाई के बाद कल्प केदार मंदिर समूह का एक समूचा शिव... Read more
भारतीय राजनीति में हेमवंती नंदन बहुगुणा को चाणक्य का दर्जा दिया जाता है. उन्हें दूरदर्शी, जनप्रिय नेता माना जाता है. उनके राजनीतिक विवेक के कायल विरोधी तक हुआ करते थे. वे आजादी के आन्दोलन की... Read more
औन हरू हरपट, जौन हरू खड़पट कुमाऊं में प्रचलित इस लोकोक्ति का अर्थ है हरू, आये हरियाली लाये, हरू जाये सब कुछ नष्ट हो जाये. हरू के साथ हमेशा सैम देवता के भी मंदिर होते हैं. हरू और सैम दोनों भाई... Read more
कुमाऊँ-गढ़वाल में बाघ के बच्चे को मारने का दो रुपये ईनाम देती थी क्रूर अंग्रेज सरकार
आज जब कि सारी दुनिया में वन्यजीवों को बचाने के लिए आन्दोलन चलाये जा रहे हैं और सरकारें ‘बाघ बचाओ’ जैसे प्रोजेक्ट्स पर अरबों रुपये खर्च कर रही हैं, भारत में ब्रिटिश राज के दौरान एक समय ऐसा भी... Read more
उत्तराखंड का तामता (टम्टा) समुदाय उत्तराखंड का प्राचीन ऐतिहासिक नगर अल्मोड़ा कला व संस्कृति के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान रखता है. इस नगर की पहचान बुद्धिजीवियों के नगर के रूप में की जाती है.... Read more
जीवन अपने आप में एक दुर्घटना है : त्रिलोक सिंह कुंवर की आत्मकथा का अंतिम हिस्सा
(पिछली कड़ी: ब्रिटिश एयरफोर्स से जंगलात की नौकरी तक का सफ़र : त्रिलोक सिंह कुंवर की आत्मकथा का तीसरा हिस्सा) सब कुछ ठीक चल रहा था. 1962 के शरद में चीनियों ने हमारी सरहद पार कर कश्मीर और अरुणां... Read more
1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120 बरस पहले के कुमाऊं-गढ़वाल के बारे में बहुत दिलचस्प विवरण पढ़ने को मिलते हैं. Tonga Service in... Read more
डाना गैराड़ के कलबिष्ट देवता की जागर सुनिए
कुमाऊँ और गढ़वाल के पहाड़ों में प्रचलित जागर पूर्वजों की आत्माओं का आह्वान करने की पुरानी परम्परा है. आम तौर पर सुषुप्तावस्था में रहने वाले इन पूर्वज-लोकदेवताओं को संगीत और गायन के माध्यम से ज... Read more