गढ़वाल मंडल के चमोली जिले की नीति घाटी में एक गाँव है मलारी. 2001 की जनगणना के मुताबिक मलारी की जनसंख्या 649 थी, इसमें 318 पुरुष और 331 महिलाएं शामिल हैं. गाँव के लोग शीतकालीन प्रवास पर 6 मही... Read more
कौसानी के कवि सुमित्रानंदन पंत -जन्मदिन पर विशेष
20 मई 1900 को जन्मे इस सुकुमार कवि के बचपन का नाम गुसांई दत्त था. स्लेटी छतों वाले पहाड़ी घर, आंगन के सामने आड़ू खुबानी के पेड़, पक्षियों का कलरव, सर्पिल पगडण्डियां, बांज, बुरांश व चीड़ के पेड़ों... Read more
मसूरी में राहुल सांकृत्यायन
25 सितम्बर को बैरिस्टर श्री मुकुन्दीलाल ली आये. मुकुन्दीलाल जी अपने क्षेत्र में वही स्थान रखते हैं, जो कि जायसवाल जी बिहार में. दोनों आक्सफोर्ड के स्नातक और बैरिस्टर है. जायसवाल जी बैरिस्ट्र... Read more
लोहाखाम देवता का मंदिर
स्थानीय भाषा में लुखाम कहे जाने वाले लोहाखाम देवता का मंदिर नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लॉक की चौगढ़ पट्टी में है. इस मंदिर में पहुँचने के लिए आपको ओखलकांडा से 12 किमी की चढ़ाई चढ़नी होती है. का... Read more
पिंडारी घाटी का जन-जीवन : फोटो निबंध
बागेश्वर की पिंडारी घाटी में स्थित है पिंडारी ग्लेशियर. 4200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पिंडारी ग्लेशियर लगभग पांच किमी लम्बा और ढाई किमी चौड़ा ग्लेशियर है. इसी ग्लेशियर से पिंडर नाम की नदी भी नि... Read more
आज वैशाख पूर्णिमा है. भारत समेत विश्व भर में आज का दिन बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. वैशाख पूर्णिमा के दिन ही बुद्ध का जन्म हुआ था, वैशाख पूर्णिमा के दिन ही बुद्ध को ज्ञान प्राप्त... Read more
देहरादून में टपकेश्वर शिव मंदिर
उत्तराखण्ड में भगवान शिव के मंदिर सर्वत्र विद्यमान हैं. कहा जाता है कि हिमालय के कण-कण में भगवान महादेव का वास है. यहाँ भगवान शिव के ढेरों मंदिर हैं, इनकी देश-विदेश में बहुत मान्यता है. इन्ह... Read more
पिछली शताब्दी की महानतम प्रतिभाओं में एक थे बर्ट्रेंड रसेल. वे एक ऐसे गणितज्ञ थे जिन्हें नोबेल पुरुस्कार मिला था. यह उनके व्यक्तित्व का एक दूसरा बड़ा आयाम थे कि वे एक विख्यात दार्शनिक भी थे ज... Read more
अल्मोड़ा के फालतू साहब और उनका पीपीपी प्लान
एक फलसफा कहीं सुना था कि जिंदगी में और दफ्तर में कुछ भी फालतू (Faltu Sahab of Almora) नहीं होता पर अल्मोड़े में कचहरी में एक चीज ऐसी थी जिसे उसके यार अहबाब फालतू साहब कहते थे. अमिताभ बच्चन क... Read more
देवगाथाओं में जिक्र मिलता है कि भ्वलनाथ या भोलानाथ एक राजकुमार था. भोलानाथ चंदवंशीय राजा उदय चन्द का पुत्र था. साधू प्रकृति का होने के कारण यह जोगी हो गया था. एक राजनीतिक षड्यंत्र के तहत भोल... Read more