‘अभागी पत्नी’ कुमाऊनी लोककथा
एक गांव में एक व्यापारी अपनी दो पत्नियों के साथ रहता था. दोनों पत्नियाँ आपस में खूब झगड़ा करती थी क्योंकि आदमी अपनी दूसरी पत्नी को ज्यादा प्यार करता तो हमेशा उसी का साथ देता. एकबार व्यापारी... Read more
शंखनाद से कम आध्यात्मिक नहीं हिमालयी मवेशियों के गले में बंधी तिब्बती घंटियों के सुर
हिमालयी चरवाहों के मवेशियों के गले में बंधी तिब्बती घंटियाँ और उनकी ध्वनि भी इन चरवाहों के जीवन की तरह ही गतिमान होती है. इन तिब्बती घंटियों की ध्वनि काफी तेज होने के बावजूद कानों को मधुर लग... Read more
अमरीकी टीवी कार्यक्रम गेम ऑफ़ थ्रोंस दुनिया के लोकप्रिय टीवी कार्यक्रमों में शुमार है. जॉर्ज आर मार्टिन की किताब पर आधारित यह टीवी कार्यक्रम भारतीय युवाओं के बीच भी ख़ासा लोकप्रिय रहा है. सि... Read more
गांगी तैयार मझौल आगौ
गंगा गिरी और दीवान सिंह के माता-पिता ने निर्णय लिया कि बच्चों की पढ़ाई के लिए वो पहाड़ छोड़कर तराई-भाबर में ऊधम सिंह नगर जिले के एक छोटे से गाँव मझोला में घर बनाएँगे और बच्चों की आगामी जिंदग... Read more
एक बार भादौ के महीने में गौरी कैलाश से अपने मायके के लिये निकलती हैं और रास्ता भटक जाती हैं. रास्ता भटकने पर वह अलग पेड़ों से अपना मायका पूछती हैं और रास्ता बताने पर उन्हें आशीर्वचन देकर आगे... Read more
कहते हैं शिवरात्रि के बाद कुमाऊं की होली में यौवन का रंग भरने लगता है. शिवरात्रि के दिन से ही करीब दो महीने से चली आ रही बैठकी होली में रंग भी पड़ता है. निर्वाण, श्रृंगार से होती हुई होली अब... Read more
सोमेश्वर क्षेत्र शिव की घाटी के रूप में भी जाना जाता है. इसे पूरे क्षेत्र में 12 से अधिक शिव को समर्पित शिव मंदिर हैं. सोमनाथ शिव का मंदिर सोमेश्वर घाटी के शिव मंदिरों में एक प्रमुख मंदिर है... Read more
(हल्द्वानी में नुक्कड़ नाटक करते हुए जसपाल शर्मा ने एक्टिंग कैरियर की शुरुआत की, फिर थिएटर करते हुए ‘तलवार’ से हिंदी सिनेमा की पारी. हिंदी मीडियम, टॉयलेट : एक प्रेम कथा, कुलदीप प... Read more
शिव के प्यारे नाग
नाग नागिन का संसार बड़े रोचक आख्यानों से भरा पड़ा है. उत्तराखंड में नागपूजा आदिकाल से ही प्रचलित मानी गई. लोक मान्यता है कि जब ब्रह्मा जी ने कुपित हो कर नागों को श्राप दिया तो नाग पुष्कर पर्... Read more
कुमाऊं का सबसे समृद्ध कौतिक था ‘ठुल थल’
कुमाऊं में लगने वाले मेलों में थल का मेला सबसे महत्वपूर्ण मेलों में शामिल रहा है जो धार्मिक और व्यापारिक महत्वपूर्ण रहा है. कभी महीने महीने लगने वाला यह मेला अब केवल एक दिन तक सिमट कर रह गया... Read more