दारमा के बेदांग में तैनात पंचाचूली के पहरेदार
‘क्यों आए, कैसे आए, परमिट दिखाओ…’ के सवाल उठने लाजमी थे. इस पर हमने उन्हें अपने परमिट दिखाए. रजिस्टर में दर्ज करते हुए जब उन्हें भान हुआ कि हममें से दो पत्रकार हैं तो उनका... Read more
पहाड़ों में जन्मा बैल कभी सौभाग्यशाली माना जाता था अब अपने ही जीवन के लिये लड़ता है
पहाड़ों में एक समय ऐसा भी था जब अपनी बेटी के लिये घर देखने आया पिता टेढ़ी नजर से आंगन में बंधे बैल की जोड़ियों पर जरुर नज़र मारता था. उसके हष्ट-पुष्ट शरीर से वह परिवार की आर्थिक स्थिति और अपनी ब... Read more
उत्तराखण्ड के जंगलों को जलने से रोका जा सकता है
आग लगभग सभी धर्मों में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है. कोई भी समाज आग के बिना अपने अस्तित्व की कल्पना भी नहीं कर सकता है. आग को हिन्दू धर्म में भी भगवान (अग्नि) का रूप माना जाता है और अधि... Read more
हाल ही में गाँव सूर्याजाला, नैनीताल में 16वीं नेशनल माउंटेन बाइक चैम्पियनशिप सम्पन्न हुई. चैम्पियनशिप में उत्तराखण्ड की साइकिलिस्ट पूनम राना खोलिया ने 2स्वर्ण पदक हासिल किये. प्रस्तुत है अंत... Read more
डाण्डी कांठी में बसन्त बौराने लगा है
भारतीय संस्कृति में नदी, पहाड़, पेड़-पौंधे पशु-पक्षी, लता व फल-फूलों के साथ मानव का साहचर्य और उनके प्रति संवेदनशीलता का भाव हमेशा से रहा है. प्रकृति और मानव के इस अलौकिक सम्बन्ध को स्थानीय... Read more
गहरे हरे रंग का गौरीकुंड और सिनला पास का शिखर
पंकज, पूरन और महेशदा तेजी से चल रहे थे. उनके पीछे कुछ दूरी पर संजय था और सबसे पीछे बेढब रकसेक को लादे मैं चल रहा था. मौसम खुशनुमा था तो मुझे अब चिंता नहीं थी कि हम दर्रे के पार बेदांग में कब... Read more
बाल शोध मेला (सीखने- सिखाने की अनूठी पहल) सरकारी विद्यालयों में होते नवाचार 8 फ़रवरी 2020 स्थान: पिथौरागढ़ विद्यालय: राजकीय प्राथमिक विद्यालय मनकटिया प्रधानाध्यापिका: श्रीमती दीपा पाण्डेय सहाय... Read more
अद्भुत है पार्वती ताल
लगभग दो किमी की परिधि से घिरा पार्वती ताल बेहद खूबसूरत था. ताल किनारे चहल-कदमी करते हुए पंकज और मैं तीनों साथियों को पंचस्नान करते देख रहे थे. वे श्रद्धा में डूब-उतरा रहे थे. पूरन और महेश दा... Read more
उत्तराखण्ड राज्य को अस्तित्व में आए 19 साल हो गए हैं. उत्तर प्रदेश से अलग होकर नए राज्य की परिकल्पना इतनी आसान नहीं थी. कई राज्य आंदोलनकारियों ने अपनी जान गंवाई तो न जाने कितनों को पुलिस और... Read more
कोई बीस बरस पहले धरमसिंह लकड़ी काटने जंगल गए थे जब भालू ने उन पर हमला बोल दिया. उनका छोटा सा पोता उनके साथ था. उन्होंने एक हाथ से बच्चे को सम्हाला और दूसरे में थमी दरांती से भालू पर तब तक वा... Read more