एक चिट्ठी कोरोना दौर के हवाले से
देर रात तक ख्वाबों में भटकने वाली आँखें सुबह देर से ही उठने के रिवाज़ का शौक रखती हैं मगर अलविदा के चैत और उकाव लगे बैशाख की सुबहें जाग उठती हैं, पार धार में बासती चिड़ियाओं के मीठे शोर से.... Read more
लॉक डाउन के दिनों में सुल्ताना डाकू और जिम कॉर्बेट की धरती पर बने अपने फार्म हाउस में
आजकल मैं अपने गाँव फतेहपुर में हूँ. हल्द्वानी से सात किलोमीटर दूर कालाढूंगी रोड में नया उभरता हुआ एक क़स्बा है फतेहपुर. आज से पचास-साठ बरस पहले यह जगह क़स्बा तो क्या, गाँव भी नहीं थी. जिम कॉ... Read more
देश के 25 कोरोना फ्री जिलों में उत्तराखंड का इकलौता जिला है पौड़ी – जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल की मेहनत को सलाम
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना महामारी से सम्बंधित एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट आज जारी की है. रिपोर्ट को प्रेस के सम्मुख रखते हुए मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि स्थानीय प्रशासन द्वारा प्रश... Read more
कौसानी से देवगुरु का दिलचस्प सफ़र
सुबह- सुबह जब हम कौसानी से निकले तो कोई अनुमान न था कि आज का दिन कितना लम्बा होगा. कल रात हमने सहृदय मित्रों की बदौलत आलीशान मखमली ग्रेवी वाली अंडाकरी जीवन में पहली बार पेट में उतारी और बादल... Read more
101 साल बाद भी अंग्रेजों ने जलियांवाला बाग हत्याकांड के लिये मांफी नहीं मांगी
He did his duty as he saw it.रुडयार्ड किपलिंग ने 1927 में ये पंक्तियां कर्नल रेजिनाल्ड एडवर्ड हैरी डायर की मौत पर लिखी थी. डायर जिसने 13 अप्रैल, 1919 के दिन जलियांवाला बाग़ में निहत्थे लोगों... Read more
कहानी – ‘द क्वारंटाइन डेज’
कशरी को सूचना मिली कि उसका बेटा किड़ू शहर में महामारी की चपेट में आ गया. सूचना गांव के लड़के भगत ने ही भेजी थी. कशरी ने किड़ू से बात करने के लिए बड़े बेटे हरि को कहा. हरि ने फोन मिलाया तो कि... Read more
अल्मोड़ा इंटर कालेज के प्रांगण में विवेकान्द की एक आदमकाय मूर्ति है. लगभग 70 के दशक में बनी इस मूर्ति के निर्माता का नाम है नवीन वर्मा ‘बंजारा’. आज सुबह उनका निधन हो गया. (Naveen... Read more
इस बार नहीं आयी भिटौली
जो भागी जियाला ईजू नौ रितु सुण ल वे गयो रे मनखा ईजु काँ रितु सुणौ ल वे जब ये रचना रची गई होगी तब रचनाकार ने बहुत आगे की दुनिया देख ली होगी. संभव है आज की दुनिया भी. चैती के बोल जब कानों में... Read more
ले गुड़ खा, साल भर सांप-कीड़े नहीं दिखेंगे कहकर सुबह ही ईजा देशान* में गुड़ दे दिया करती थी और मैं बड़ी उत्सुक्तावस गुड़ खाते हुए उठता था कि आज कहाँ धमाका होने वाला है. धमाका दरअसल हर बैशाखी... Read more
कोरोना या कोविड-19 वायरस के प्राकृतिक रूप से पैदा होने या उसके किसी प्रयोगशालामें विकसित हैने के विवाद के बीच यह याद रहना जरूरी है कि प्रयोगशालाओं में होने वाली संदिंग्ध खोजें ही जैविक हथिया... Read more