एक समय ऐसा भी था, जब नैनीताल ही नहीं पूरे प्रदेश के विद्यालयों में कला बिष्ट के अनुशासन की मिसाल पेश की जाती. नैनीताल स्थित भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय नैनीताल के संस्थापक प्रताप भैया को यदि... Read more
पिछले छः दशक से भी अधिक समय से रामलीलाओं में तबला वादक के रूप में भागीदारी कर रहे मनोहर लाल मास्साब, भवाली के लिए कोई अनजान चेहरा नहीं हैं. मुक्तेश्वर के पास सुनकिया के गांव से भवाली तक का उ... Read more
पिछली सदी के साठ के दशक का एक कालखण्ड ऐसा भी रहा, जब भवाली की रामलीला में पिता हरिदत्त सनवाल दशरथ के पात्र हुआ करते थे और राम तथा लक्ष्मण का किरदार उनके पुत्र पूरन सनवाल व महेश सनवाल निभाते... Read more
कठपतिया के बारे में बचपन से सुनते आया था, कुछ दिन पूर्व इसी पोर्टल पर प्रख्यात कथाकार बटरोही जी के चर्चित उपन्यास ‘थोकदार किसी की नहीं सुनता’ के अंश में कठपतिया के बारे में पढ़ने को मिला तो... Read more
एक दौर था नैनीताल में – काली अचकन और सफेद चूड़ीदार पजामे में एक आकर्षक व्यक्तित्व आपको शाम के वक्त मालरोड पर हाथ में एक हस्तलिखित पर्चा थमाकर “कल गोष्ठी में जरूर आईयेगा’’ कहकर ग... Read more