राहुल सांकृत्यायन की नजरों से नैनीताल
राहुल सांकृत्यायन याद रखते हुए हम आपको उनकी लिखी कुछ चुनी हुई रचनाओं से परिचित करवाने जा रहे हैं. इस क्रम में आज पढ़िए राहुल सांकृत्यायन के हिमालय समाज, संस्कृति, इतिहास तथा पर्यावरण पर केन्द... Read more
रेशमी सलवार कुर्ता जाली का
14 अप्रैल, 1919 को अविभाजित भारत के लाहौर में पैदा हुईं शमशाद बेगम को गायन का शौक बचपन से ही था. वे अपने स्कूल के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में गाने के अलावा वे तमाम पारिवारिक मंगल कार्यक्रमों... Read more
जरूर देखी जानी चाहिए यह ऑस्कर विजेता फिल्म
1960 के दशक के शुरुआती सालों तक अमेरिका के दक्षिणी प्रान्तों में रंगभेद जारी था. उत्तरी अमेरिकी प्रान्तों में स्थिति काफी बदल चुकी थी. इसी थीम को लेकर बनी है फिल्म ‘द ग्रीन बुक’ जिसे इस साल... Read more
जन्मदिन पर सफ़दर हाशमी की याद
साल 1989 का पहला दिन यानी एक जनवरी था. उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद जिले के साहिबाबाद में सफ़दर हाशमी (Safdar Hashmi) अपनी नाट्य मंडली के साथ मजदूरों के सम्मुख ‘हल्ला बोल’ नुक्कड़ नाटक कर रहे थे.... Read more
1954 में उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद में जन्मे अष्टभुजा शुक्ल (Ashtbhuja Shukla) वर्तमान हिन्दी कविता के सबसे महत्वपूर्ण हस्ताक्षरों में शामिल हैं. चुटीली भाषा और समाज पर पैनी निगाह उनके काव्... Read more
मैं चमारों की गली तक ले चलूँगा आपको
मशहूर जनकवि और शायर आदम गोंडवी की यह रचना अब एक कल्ट बन चुकी है. जातिवाद की अग्नि में झुलस रहे हमारे समाज के क्रूर चेहरे को आईना दिखाती यह रचना उनके संग्रह ‘धरती की सतह पर’ का हिस्सा थी. आइए... Read more
1915 में दिल्ली में जन्मीं तारा पांडे के जीवनवृत्त को ख्यात लेखिका नमिता गोखले ने अपनी प्रसिद्ध किताब ‘माउन्टेन एकोज़’ में जगह दी है. इस पुस्तक में उनके अलावा तीन अन्य कुमाऊनी मूल की महिलाओं... Read more
मेरी माँ अब नहीं हैं लेकिन वह नदी अब भी है
आज से नब्बे साल पहले यानी 3 अप्रैल 1929 को शिमला (हिमाचल प्रदेश) में जन्मे निर्मल वर्मा अपने विशिष्ट गद्य के लिए जाने जाते रहे हैं. आज उनके जन्मदिवस पर पढ़िए उनका एक विचारोत्तेजक लेख: मेरे लि... Read more
अगर समझ सको तो, महोदय पत्रकार!
पत्रकार महोदय – वीरेन डंगवाल ‘इतने मरे’ यह थी सबसे आम, सबसे ख़ास ख़बर छापी भी जाती थी सबसे चाव से जितना खू़न सोखता था उतना ही भारी होता था अख़बार. अब सम्पादक चूंकि था प्रका... Read more
तवाघाट कितना कुछ बताता है हमें
लखनऊ में रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार-यायावर-कवि गोविन्द पन्त ‘राजू’ देश के पहले पत्रकार थे जिन्हें अन्टार्कटिका के अभियान में जाने के लिए चुना गया था. नैनीताल से गहरा ताल्लुक रखने व... Read more