हमारे कारवां का मंजिलों को इंतज़ार है : हिमांक और क्वथनांक के बीच

15 hours ago
Kafal Tree

मौत हमारे आस-पास मंडरा रही थी. वह किसी को भी दबोच सकती थी. यहां आज उसी का राज था. हमारे…

अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ

5 days ago

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120 बरस पहले के कुमाऊं-गढ़वाल के…

पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला

5 days ago

उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए…

1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक

6 days ago

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120 बरस…

बहुत कठिन है डगर पनघट की

7 days ago

पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते रहे जहाँ भेजा चला गया…

गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’

7 days ago

आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के नाम जानते हैं. मेघा आ,…

गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा

2 weeks ago

“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली रात की स्मृति डरावनी थी…

साधो ! देखो ये जग बौराना

2 weeks ago

पिछली कड़ी : उसके इशारे मुझको यहां ले आये मोहन निवास में अपने कागजातों के ढेर से जूझते मेरे गुरु…

कफ़न चोर: धर्मवीर भारती की लघुकथा

2 weeks ago

सकीना की बुख़ार से जलती हुई पलकों पर एक आंसू चू पड़ा. (Kafan Chor Hindi Story By Dharmveer Bharti) “अब्बा!” सकीना ने…

कहानी : फर्क

2 weeks ago

राकेश ने बस स्टेशन पहुँच कर टिकट काउंटर से टिकट लिया, हालाँकि टिकट लेने में उसे खासी परेशानी उठानी पड़ी…