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वेलकम बैक टु माइंडफिट ग्रोथ चैनल. Thank you very much for liking and subscribing my new channel Mindfit Growth. जिन्होंने भी मेरा पिछला वीडियो देखा और चैनल सब्सक्राइब किया उन्हें मैं बधाई देना चाहता हूं क्योंकि ऐसा कर उन्होंने सेल्फ डेवलपमेंट और सेल्फ ग्रोथ की एक ऐसी राह पकड़ ली है जो उन्हें जॉब, बिजनेस, रिलेशनशिप, स्किल डेवलपमेंट, हेल्थ और स्प्रिचुअल ग्रोथ में ऊंचे मकाम पर ले जाने वाली है. कमर कस के बैठ जाइए. विडियो देखिए और मैं जिस काम की प्रैक्टिस करने को कहूं उसकी ईमानदारी से प्रैक्टिस कीजिए.
(How to build Self-Confidence )
दोस्तो पिछले विडियो में हमने गोल सेटिंग के बारे में जाना था और उन्हें हासिल करने के तरीकों के बारे में भी बात की थी. आप अपने लक्ष्य कितने भी बड़े या छोटे सेट करो उन्हें हासिल करने के लिए जो सबसे बेसिक चीज जरूरी है वह है सेल्फ कॉन्फिडेंस. आत्म-विश्वास. मैं कई युवाओं से मिलता रहता हूं और लगभग सभी सेल्फ-कॉन्फिडेंस को बढ़ाने की जरूरत को समझते हैं. पर्सनल डेवलपमेंट के लिए आत्म-विश्वास सबसे बुनियादी जरूरत है. तो चलिए आज जानते हैं कि अपने सेल्फ-कॉन्फिडेंस को बढ़ाने के लिए आपको क्या-क्या काम करने हैं.
पहला काम – सेल्फ-कॉन्फिडेंस क्या है, इसे समझें
सेल्फ कॉन्फिडेंस क्या है? सबसे पहले इस समझ लें. यह आपकी अपनी क्षमताओं और जजमेंट पर भरोसा है. किसी में सेल्फ कॉन्फिडेंस है, इसका यह मतलब है कि वह खुद को स्वीकार करता है और खुद पर भरोसा करता है. उसे लगता है कि अपने जीवन पर उसका पूरा नियंत्रण है. सेल्फ कॉन्फिडेंस होने का मतलब है कि आपको अपनी ताकत और अपनी कमजोरी के बारे में पता है और आप खुद को लेकर बहुत पॉजिटिव नजरिया रखते हैं. आप इस बात को भी समझ लें कि building your self-confidence is a journey and not a destination. यह खुद को और खुद की सही कीमत को ठीक से समझना है.
दूसरा काम – अपने लिए रिएलिस्टिक गोल सेट करें
दोस्तो आत्म-विश्वास के कमजोर पड़ने या टूटने की एक बड़ी वजह यह है कि हम जोश में बहुत ज्यादा मुश्किल गोल सेट कर लेते हैं. फौज में हमारे ट्रेनर हमसे अक्सर कहते थे – जोश में कभी होश मत खोओ. गोल ज्यादा मुश्किल होंगे तो हम उन्हें हासिल नहीं कर पाएंगे और यह हमारे कॉन्फिडेंस को कम करेगा. ध्यान रखें कि आपके लक्ष्य रिएलिस्टिक, वास्तविक हों. बेहतर है कि अपने बड़े लक्ष्यों को छोटे-छोटे लक्ष्यों में तोड़ दो. ऐसे लक्ष्य जिन्हें आप थोड़ी मेहनत करके सहज ही पा सकते हैं. जैसे मैंने बताया कि मैं अपनी 42 किलोमीटर की फुल मैराथन को 5-5 किलोमीटर के टुकड़ों में बांट देता हूं और हर 5 किलोमीटर पूरा होने पर एक रेस पूरी करने की खुशी मनाता हूं. जब आप छोटे लक्ष्यों को हासिल करते हैं, तो अपने आप धीरे-धीरे आपका आत्म विश्वास बढ़ने लगता है.
(How to build Self-Confidence )
तीसरा काम – पॉजिटिव Affirmations का इस्तेमाल करो
दोस्तो मैं अपनी सुपर पॉजिटिव लाइफ का सबसे बड़ा सीक्रेट बताना चाहता हूं. पॉजिटिव Affirmations जिन्हें मैं हिंदी में दृढ़ वचन बोलता हूं. मैं स्वामी परमहंस योगानंद के दिए Affirmations का इस्तेमाल करता हूं. ये पॉजिटिव अफर्मेशंस गजब काम करते हैं. आप अपने नेगेटिव विचारों को पॉजिटिव अफर्मेशंस से बदल सकते हैं. खुद को बार-बार बताओ कि मैं कर सकता हूं, मुझे सक्सेस मिलनी चाहिए. धीरे-धीरे ये अफर्मेशंस आपके सोचने के तरीके में ढल जाते हैं यानी आपका माइंडसेट ही पॉजिटिव बन जाता है.
चौथा काम – अपनी असफलताओं से सीखो
दोस्तो अगर आप चिराग लेकर भी ढूंढने जाओगे तो कोई ऐसा शख्स न मिलेगा, जो असफल हुए बिना सफल हुआ हो. असल में असफलता सफलता का विलोम नहीं बल्कि उसी का हिस्सा है. असफलता को अपने लिए सीखने के अवसर के रूप में देखना शुरू करें. जब भी असफल हों, तो एनालाइज करें कि गलत क्या हुआ और इस नॉलेज का उपयोग खुद को सुधारने में करें. जो गलती एक बार की उसे दोबारा न दोहराएं. यह जो आप गलती करके फेल होते हैं और फिर गलती ठीक करके सफल होते हैं, तो यह लड़ने की और हार न मानने की प्रक्रिया आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ाती है.
पांचवां काम – अपनी स्किल्स अपग्रेड करें
एक बात याद रखें कि आपकी कीमत उतनी ही होगी जितनी कि आपकी स्किल्स की. आप अपनी स्किल्स को जितना अपग्रेड करते जाएंगे उतना ही आपकी कीमत बढ़ती जाएगी. और सिर्फ कीमत ही नहीं बढ़ेगी बल्कि इससे आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा. किसी खिलाड़ी का कॉन्फिडेंस उतना ही ज्यादा बढ़ता है जितना ज्यादा वह अभ्यास करता है. वह चाहे कोई नई लैंग्वेज सीखने की बात हो या कोई नई आदत अपनाने की, हर नई स्किल आप में अपनी क्षमताओं को लेकर आत्म विश्वास बढ़ाती है.
(How to build Self-Confidence )
छठा काम – खुद को पॉजिटिव बनाकर रखो
Your growth also depends on the kind of environment you live in. आपके आसपास ग्रोथ का माहौल रहेगा, आप अगर पॉजिटिव लोगों से घिरे रहेंगे, तो मुश्किल स्थितियों का भी ठीक से मुकाबला करेंगे. दोस्तो ये मैंने अपने अनुभव से जाना है कि टॉक्सिक लोग आपका समय और एनर्जी दोनों खा जाते हैं और दोनों ही आपकी सेल्फ ग्रोथ के लिए बहुत जरूरी हैं. इसलिए टॉक्सिक लोगों को अपने पर्सनल सर्कल से बाहर निकालिए. उनसे अपना अटैचमेंट खत्म कीजिए. पॉजिटिव और एनर्जी देने वाले लोगों की संगत में ज्यादा रहने की कोशिश करें. ऐसे लोगों से दोस्ती कॉन्फिडेंस भी बढ़ाती है.
सातवां काम – खुद के प्रति सहानुभूति रखें
इस बात को समझिए कि दुनिया तो आपके लिए जालिम बन सकती है, पर आप खुद अपने प्रति जालिम तो न बनें. दुनिया न सही पर आप तो अपने प्रति सहानुभूति रखें. दुनिया में कोई परफेक्ट नहीं है और सफलता धीरे-धीरे ही मिलती है. जब भी चीजें आपकी योजना के मुताबिक न हों, तो धैर्य न खोएं और अपने प्रति जालिम न बनें. खुद के साथ उसी दयालुता के भाव से बर्ताव करें जैसा कि आप अपनी जैसी स्थिति में फंसे अपने किसी दोस्त के साथ करते हैं.
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आठवां काम – अपनी बॉडी लैंग्वेज और Posture को दुरुस्त रखें
दोस्तो कई बार मोटिवेशनल स्पीच देते हुए या बड़ी और महत्वपूर्ण मीटिंग्स में मैंने अपने कपड़ों की वजह से खुद में कॉन्फडेंस महसूस किया है जितना आप अपनी पसंद के और स्मार्ट कपड़े पहनेंगे, जितना आप अपने शरीर के पोश्चर को ठीक रखेंगे, आपका कॉन्फिडेंस उतना बढ़ेगा. न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्राम का कोर्स करते हुए मैंने कम्युनिकेशन के टॉपिक के तहत सीखा था कि आप जब किसी से बात करते हैं तो 55 पर्सेंट कम्युनिकेशन आपकी बॉडी लैंग्वेज से होता है. 38 पर्सेंट आपकी टोन से और सिर्फ 7 पर्सेंट आपकी भाषा से. जब आप तन के सीधे खड़े होते हैं, आंख से आंख मिलाकर बात करते हैं और शब्दों के साथ हावभाव लेकर आते हैं, तो इससे आप दूसरों को तो ज्यादा कॉन्फडेंट दिखाई देते ही हैं यह आपके अपने दिमाग में भी सिग्नल भेजता है कि आप कॉन्फिडेंट हैं और आपका परफॉर्मेंस और बेहतर हो जाता है.
(How to build Self-Confidence )
नौवां काम – अपनी उपलब्धियों का उत्सव मनाओ
दोस्तो सेल्फ ग्रोथ के रास्ते पर आपको अपनी छोटी-छोटी उपलब्धियों का उत्सव मनाना नहीं भूलना है. Keep celebrating small achievements. अपनी खुद की पीठ थपथपाते रहो. इससे आपका खुद पर भरोसा बढ़ेगा. याद रखें, जितना आप खुद को लेकर, अपनी प्रोग्रेस को लेकर पॉजिटिव बने रहोगे उतना आपका अपनी क्षमताओं, अपनी काबिलियत पर भरोसा बढ़ता जाएगा.
दसवां काम – अपने कंफर्ट ज़ोन से बाहर निकलिए
इस बात से आप इंकार नहीं करेंगे कि जीवन में आप जिस प्रोग्रेस, जिस ग्रोथ की इच्छा पाले हुए हैं, वह कंफर्ट ज़ोन में रहकर तो नहीं मिलने वाली. यह बहुत बेसिक अंडरस्टेंडिंग है. ग्रोथ कंफर्ट ज़ोन के बाहर ही संभव है. उन कामों को करने की चुनौती लें जो आपको थोड़ा डराते हैं, भयभीत करते हैं. If you are scared of speaking in English practice doing that. Do it more often. इस तथ्य को अपने जहन में गांठ बांधकर रख लें कि हर बार जब भी आप अपने डर से जीतते हैं, आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस थोड़ा और बढ़ता है.
तो दोस्तो, सेल्फ कॉफिडेंस पर काम करना एक ऑनगोइंग प्रोसेस है लेकिन समर्पण और सही माइंडसेट के साथ आप इसे हासिल कर सकते हैं. बस एक ही बात याद रखनी है और बार-बार खुद से यही बात कहनी है. मैं यह कर सकता हूं. मुझमें क्षमता है. मैं अपने सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ाता रहूंगा.
(How to build Self-Confidence )
मैं आपको एक एक्सरसाइज दे रहा हूं जिसे आपने रोज करना है. सुबह उठने के बाद रोज पहले एक घंटे में अपनी डायरी में पांच ऐसी बातें लिखनी हैं जिसके लिए आप यूनिवर्स को धन्यवाद देना चाहते हैं. कोई भी पांच अच्छी बातें. मैं करीब एक साल से रोज ऐसा कर रहा हूं और इसी का नतीजा है कि आप मेरे इस नए चैनल के विडियो देख रहे हैं. और भी कई चमत्कार हुए हैं. धीरे-धीरे आपको सब बताऊंगा.
कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मुम्बई संस्करण के सम्पादक हैं. उनका एक उपन्यास और दो कविता संग्रह प्रकाशित हैं. मीडिया में जुड़ने से पहले सुन्दर भारतीय सेना में अफसर थे. सुन्दर ने कोई साल भर तक काफल ट्री के लिए अपने बचपन के एक्सक्लूसिव संस्मरण लिखे थे जिन्हें पाठकों की बहुत सराहना मिली थी.
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