राज्यसभा में आज गृहमंत्री अमित साह ने संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ‘ए’ को हटाने संबंधी प्रस्ताव रखा. प्रस्ताव में लद्दाख को जम्मू कश्मीर से अलग करने का प्रावधान रखा गया है.
इसके तहत जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश होंगे. जम्मू कश्मीर विधानसभा वाला केन्द्रशासित प्रदेश होगा जबकि लद्दाख बिना विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश होगा.
27 मई 1949 को संविधान सभा द्वारा अनुच्छेद 370 को पारित किया गया था. संविधान के भाग 21 का पहला अनुच्छेद हैं 370. जिसके तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार दिए गए. जम्मू कश्मीर का अपना एक अलग संविधान है जो 26 जनवरी, 1957 को लागू किया गया.
अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के अनुसार, रक्षा, विदेश नीति और संचार मामलों को छोड़कर किसी अन्य मामले से जुड़ा क़ानून बनाने और लागू करवाने के लिए केंद्र को राज्य सरकार की अनुमति चाहिए. जम्मू-कश्मीर का अलग झंडा होता है. जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है. जम्मू कश्मीर की विधानसभा में राज्यपाल दो महिला सदस्यों को भी मनोनीत कर सकता है.
अनुच्छेद 35 ‘ए’ अनुच्छेद 370 से ही निकला है. 1954 में राष्ट्रपति के आदेश से इसे शामिल किया गया था. अनुच्छेद 35 ‘ए’ के तहत राज्य में जमीन खरीदने से संबंधित कुछ विशेषाधिकार वहां के नागरिकों को दिए गए हैं.
वर्तमान में जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन है. अतः केंद्र सरकार का मानना है कि राज्य के संबंध में कानून बनाने का अधिकार संसद के पास है और इसी के तहत संसद 370 को समाप्त कर रही है.
विपक्ष का आरोप है कि सरकार बिना जम्मू कश्मीर के चुने हुये प्रतिनिधियों से बातचीत के ही यह कानून पास कर रही है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद का कहना है कि हम धारा 370 को हटाने का विरोध नहीं करते हैं लेकिन बिना कश्मरियों की सहमति के इसे हटाना गलत है.
विपक्ष का कहना है की केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को इसतरह से हटाना भारत में सहमति की पहली हत्या है.
सोशियल मिडिया पर इसे लेकर तरह-तरह की प्रतिकियायें आ रही हैं. भारत में आज #Article370 ट्रेंड कर रहा है. भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवानी ने इस संबंध में कहा कि
मैं खुश हूं की सरकार ने आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला किया है. मेरा मानना है कि ये एक साहसिक कदम है जो राष्ट्रीय एकता के लिए बड़ा कदम होगा. जन संघ के दिनों से ही धारा 370 को हटाना भाजपा के मूल विचारधारा का अंग था. मैं प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को इस ऐतिहासिक कदम के लिए बधाई देता हूं. मैं जम्मू कश्मीर और लद्दाख में शांति, संमृद्धि और प्रगति की कामना कर रहा हूं.
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