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4 Comments

  1. राघव

    बेबीलोनिया सभ्यता 2300 ईपू थी, इससे पहले सुमेर और सुमेर से पहले मेसोपोटामिया सभ्यता थी। रामायण काल ही आज से 7000 ईपू की है, उस काल में ही राम के जन्म तिथि में ग्रह नक्षत्रों का उल्लेख मिलता है । महाभारत ग्रंथ में भी भीष्मपितामह के मरने और महाभारत युद्ध की तिथियों में ग्रह नक्षत्रों का उल्लेख मिलता है। फिर यह कैसे सम्भव है कि राशियों का ज्ञान बेबीलियनों ने दिया ? लेखक अपने ज्ञान को परिमार्जित करे ।

  2. Puran Singh Negi

    आदरणीय उप्रेती जी ने बहुत अच्छी जानकारी दी है। उनके लिए साधुवाद।

    लेकिन मै राघव जी की टिप्पणी से भी संतुष्ट व सहमत हूं।

  3. Amit Semwal

    गृह नक्षत्रों मे रूचि लेने वाले जिज्ञासु के लिहाज से प्रारंभिक जानकारी देता हुआ यह लेख अपने सफ़ल को प्राप्त करता है अब कालक्रम एवं ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि की कसौटी पर कितना सटीक है ये तो ज्ञाता ही बता सकते हैं

  4. Amit Semwal

    गृह नक्षत्रों मे रूचि लेने वाले जिज्ञासु के लिहाज से प्रारंभिक जानकारी देता हुआ यह लेख अपने सफ़ल को प्राप्त करता है अब कालक्रम एवं ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि की कसौटी पर कितना सटीक है ये तो ज्ञाता ही बता सकते हैं

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