Featured

अल्मोड़े में होली के रंग: फोटो निबंध

महिला कल्याण संस्था अल्मोड़ा द्वारा बीते दिनों अल्मोड़े में होली की शुरुआत की गयी. महिला कल्याण संस्था अल्मोड़ा में महिला होल्यारों ने स्वांग, नृत्य, होली गीतों की प्रस्तुति दी जाती है. दो दिन चलने वाले इस उत्सव की शुरुआत बीते शनिवार ऐतिहासिक नंदादेवी मंदिर परिसर में ‘सिद्धि को दाता विघ्न विनाशन’ होली गीत के स्था हुई थी.
(Women Holi Festival Almora 2021)

महिला कल्याण संस्था द्वारा इस होली कार्यक्रम के बाद अल्मोड़े में एक संस्कृतिक जुलूस निकाला जाता है. जिसमें कुमाऊं के विभिन्न क्षेत्रों से आए महिला दल अपने स्वांग और गायन से खूब रंग जमाते हैं. होली महोत्सव में विभिन्न स्कूलों के बीच प्रतियोगिता भी होती है. नृत्य एवं गायन के साथ में स्वांग भी खूब रचे जाते हैं.

स्वांग न केवल दर्शकों को खूब गुदगुदाते हैं बल्कि इनके द्वारा सामजिक बुराइयों पर तीखे व्यंग्य किये जाते हैं. काफल ट्री के साथी जयमित्र सिंह बिष्ट द्वारा सांस्कृतिक जुलूस की ली गयी तस्वीरें:
(Women Holi Festival Almora 2021)

फोटो : जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो : जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो : जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो : जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो : जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो : जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो : जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो : जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो : जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो : जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो : जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो : जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो : जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो : जयमित्र सिंह बिष्ट

काफल ट्री के फेसबुक पेज को लाइक करें : Kafal Tree Online

जयमित्र सिंह बिष्ट
अल्मोड़ा के जयमित्र बेहतरीन फोटोग्राफर होने के साथ साथ तमाम तरह की एडवेंचर गतिविधियों में मुब्तिला रहते हैं. उनका प्रतिष्ठान अल्मोड़ा किताबघर शहर के बुद्धिजीवियों का प्रिय अड्डा है. काफल ट्री के अन्तरंग सहयोगी.

इसे भी देखें: उदय शंकर संगीत एवं नृत्य अकादमी के मंच पर ‘पहाड़ के रंग’ की अद्भुत तस्वीरें

Support Kafal Tree

.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…

2 days ago

पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला

उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…

2 days ago

1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…

3 days ago

बहुत कठिन है डगर पनघट की

पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…

4 days ago

गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’

आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…

4 days ago

गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा

“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…

1 week ago