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3 Comments

  1. बटरोही

    ‘हेमंत ऋतु में पहाड़’ क्या बात है! आंचलिक भाषा और जानकारी का खजाना पहली बार देखा।
    मृगेश को दिल से आशीर्वाद!

  2. बटरोही

    ‘हेमंत ऋतु में पहाड़’ क्या बात है! आंचलिक भाषा और जानकारी का खजाना पहली बार देखा।
    मृगेश को दिल से आशीर्वाद!

  3. Pratap Singh Mehra

    ह्यून के महिने की रौनक को आँचलिक शब्दों के साथ पिरो कर जिस तरह से परोसा गया है उसका जवाब नही।
    मुझे तो मेरा बचपन याद आ गया, वो पुराने लोग भी याद आ गए जो आज भी मेरे जीवन का अनमोल हिस्सा हैं, लेकिन वो अब इस दुनिया में नहीं हैं, उनमें से एक मेरी आमा थी और उन यादों के साथ आँखों में कुछ आँसू भी आ गए।
    🙏

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