हम सब जानते हैं कि उनकी शिक्षा नहीं हुई थी. मैट्रिक का इम्तहान वे नहीं दे पाए थे. पहाड़ की जो स्थितियां थीं उसमें उन्हें भागकर बंबई जाना पड़ा. बहुत ही विकट स्थितियां थीं. आर्थिक रूप से और मा... Read more
शैलेश मटियानी एक ही था
छुरी की धार तेज करता हुआ एक किशोर ग्राहक का इन्तजार कर रहा है. अभी अभी काटा गया बकरा लोहे की खूंटी से टांगा जा चुका है. भुनी हुई उसकी खाल के रोओं की दुर्गन्ध में ताजे रक्त और मांस की आदिम गं... Read more
शैलेश मटियानी लिख चुके थे अपने पागलपन का रोजनामचा
शैलेश मटियानी को हममें से कितने लोग जानते हैं? सौ, दो सौ, चार सौ या हजार-दो हजार. यही न? कुछ ने सिर्फ नाम सुना होगा या एकाध कहानी पढ़ी होगी. आज से तीस-पैंतीस साल या थोड़ा और पहले पढ़ाई-लिखाई... Read more
इन दिनों शानी बहुत याद आ रहे हैं. 1965 में जब अक्षर प्रकाशन से उनका उपन्यास ‘काला जल’ प्रकाशित हुआ था, तभी से लेखकों-आलोचकों के द्वारा इस ओर इशारा किया जा रहा था कि भारत के आधुनिक मध्यवर्गीय... Read more
पचास साल पहले इलाहाबाद में कथाकार अशोक कंडवाल के साथ: प्रेमचंद और उनके बेटे की स्मृतियां
अपनी जिंदगी के किसी पुराने टुकड़े को एकदम जीवंत रूप में देखना कितना रोमांचकारी होता है, इसका अहसास मुझे कुछ ही देर पहले तब हुआ जब मुझे पुराने किताबों के ढेर में ‘नई कहानियाँ’ का जनवरी, 1969... Read more
अल्मोड़ा के समीप एकांत सिन्तोला में रहने वाले एक वृद्ध एंग्लो-इन्डियन जोड़े को परिवेश बनाकर लिखी गयी शैलेश मटियानी (Shailesh Matiyani) की कहानी ‘मिसेज ग्रीनवुड’ मानवीय संबंधों, एका... Read more
हिन्दी के मूर्धन्य कथाकार-उपन्यासकार शैलेश मटियानी (Shailesh Matiyani) अल्मोड़ा जिले के बाड़ेछीना में 14 अक्टूबर 1931 को जन्मे थे. सतत संघर्ष से भरा उनका प्रेरक जीवन भैंसियाछाना, अल्मोड़ा, इल... Read more
Popular Posts
- रं समाज की संस्कृति से रूबरू कराता यात्रा वृत्तांत : जितनी मिट्टी उतना सोना
- हिमालय की उपत्यका में धार्मिक और प्राकृतिक आश्रय ‘कान्दी’ गांव
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : हवाओं पै लिख दो हवाओं के नाम
- शेरदा की कविता में गहरा जीवनदर्शन है : पुण्यतिथि विशेष
- मासी का सोमनाथ मेला
- अस्कोट-आराकोट यात्रा 25 मई से
- कानून के दरवाजे पर : फ़्रेंज़ काफ़्का की कहानी
- अमृता प्रीतम की कहानी : जंगली बूटी
- अंतिम प्यार : रवींद्रनाथ टैगोर की कहानी
- माँ का सिलबट्टे से प्रेम
- ‘राजुला मालूशाही’ ख्वाबों में बनी एक प्रेम कहानी
- भूत की चुटिया हाथ
- यूट्यूब में ट्रेंड हो रहा है कुमाऊनी गाना
- पहाड़ों में मत्स्य आखेट
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : जिंदगानी के सफर में हम भी तेरे हमसफ़र हैं
- स्वयं प्रकाश की कहानी: बलि
- सुदर्शन शाह बाड़ाहाट यानि उतरकाशी को बनाना चाहते थे राजधानी
- उत्तराखण्ड : धधकते जंगल, सुलगते सवाल
- अब्बू खाँ की बकरी : डॉ. जाकिर हुसैन
- नीचे के कपड़े : अमृता प्रीतम
- रबिंद्रनाथ टैगोर की कहानी: तोता
- यम और नचिकेता की कथा
- अप्रैल 2024 की चोपता-तुंगनाथ यात्रा के संस्मरण
- कुमाउँनी बोलने, लिखने, सीखने और समझने वालों के लिए उपयोगी किताब
- कार्तिक स्वामी मंदिर: धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आध्यात्मिक संगम