माना जनाब ने पुकारा नहीं
Posted By: Sudhir Kumaron:
माना जनाब ने पुकारा नहींक्या मेरा साथ भी गवारा नहीं मुफ्त में बनके चल दिए तन के वल्ला जवाब तुम्हारा नहीं... ... गुस्सा ना कीजिए जाने भी दीजिए बंदगी तो बंदगी तो लीजिए साहब... ...इधर देखिए, नज... Read more
कलाबाज देव आनंद नैनीताल आये थे 1975 में
Posted By: Kafal Treeon:
हिन्दी सिनेमा के सदाबहार नायक माने जाने वाले देव आनंद ने प्रसिद्धि के शिखर पर पहुँचने के बाद भी अपनी सादगी और नफासत में ज़रा भी कमी नहीं आने दी थी. फिल्मे बनाने को लेकर जैसा उत्साह उनके भीतर... Read more
बैठी हूँ कब हो सवेरा रुला के गया सपना मेरा
Posted By: Sudhir Kumaron:
रुला के गया सपना मेरा बैठी हूँ कब हो सवेरा वही है गमे दिल वही है चंदा तारे वही हम बेसहारे आधी रात वहीं है और हर बात वही है फिर भी ना आया लुटेरा… कैसी ये जिंदगी साँसों से हम ऊबे के दिल... Read more
Popular Posts
- कुमाउँनी बोलने, लिखने, सीखने और समझने वालों के लिए उपयोगी किताब
- कार्तिक स्वामी मंदिर: धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आध्यात्मिक संगम
- ‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा
- पहाड़ में बसंत और एक सर्वहारा पेड़ की कथा व्यथा
- पर्यावरण का नाश करके दिया पृथ्वी बचाने का संदेश
- ‘भिटौली’ छापरी से ऑनलाइन तक
- उत्तराखण्ड के मतदाताओं की इतनी निराशा के मायने
- नैनीताल के अजब-गजब चुनावी किरदार
- आधुनिक युग की सबसे बड़ी बीमारी
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : दिशाएं देखो रंग भरी, चमक भरी उमंग भरी
- स्याल्दे कौतिक की रंगत : फोटो निबंध
- कहानी: सूरज के डूबने से पहले
- कहानी: माँ पेड़ से ज़्यादा मज़बूत होती है
- कहानी: कलकत्ते में एक रात
- “जलवायु संकट सांस्कृतिक संकट है” अमिताव घोष
- होली में पहाड़ी आमाओं का जोश देखने लायक होता है
- पहाड़ की होली और होल्यारों की रंग भरी यादें
- नैनीताल ने मुझे मेरी डायरी के सबसे यादगार किस्से दिए
- कहानी : साहब बहुत साहसी थे
- “चांचरी” की रचनाओं के साथ कहानीकार जीवन पंत
- आज फूलदेई है
- कहानी : मोक्ष
- वीमेन ऑफ़ मुनस्यारी : महिलाओं को समर्पित फ़िल्म
- मशकबीन: विदेशी मूल का नया लोकवाद्य
- एक थी सुरेखा