किशोर उत्तराखंड की जकड़
उत्तराखंड अगर मानव शरीर होता तो आज किशोर होता और स्कूल छोड़कर कॉलेज जाने की तैयारी कर रहा होता. कल्पना कीजिये कि 9 नवम्बर, 2018 के दिन वो कैसा दिखाई दे रहा होता? हमारे गाँवों का रूपाकार आज कु... Read more
(शमशेर सिंह बिष्ट: 4 फरवरी 1947 से 22 सितम्बर 2018) शमशेर सिंह बिष्ट उत्तराखण्ड के ख्यातिलब्ध आन्दोलनकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक, पत्रकार और बुद्धिजीवी हैं. अभावग्रस्त बचपन को अपनी ताकत ब... Read more
सियारों को जूठन में पलने का श्राप
कथाएं लगाने और सुनने सुनाने की कोइ उम्र नहीं होती. तो लीजिये मेरी कथा लगाने की, सुनने की कड़ी में दादी, दादाजी के अलावा एक नई पात्र अचानक शामिल हो गयी. याद नहीं कितने सालों या दशकों के बाद गं... Read more
आज है आंचलिक त्यौहार वट सावित्री
वैश्वीकरण और बाजारीकरण की आंधी में लोकोत्सवों, स्थानीय त्यौहारों का वजूद ख़त्म होता जा रहा है, या फिर उनका मूल स्वरुप लुप्त होता जा रहा है. उत्तराखण्ड के भी कई मेले, त्यौहार अपना मूल स्वरुप ख... Read more
उत्तराखण्ड के प्रगति मार्ग पर आपका स्वागत है
कुछ दिन पहले उत्तराखण्ड में ऋषिकेश से देहरादून की सड़क चमकी हुई थी. सड़क के गड्डे भरे जा चुके थे. आप यकीन नहीं मानेंगे ऋषिकेश और देहरादून के कई बस स्टाप के पास एक ही रात में न जाने कहां से भव्... Read more
उत्तराखण्ड को ग्रीन बोनस दिये जाने के संबंध में 15वें केंद्रीय वित्त आयोग ने ग्रीन बोनस पर रुख साफ नहीं किया है. ग्रीन बोनस के सवाल पर आयोग अध्यक्ष ने स्पष्ट आश्वासन देने की जगह कहा कि इस मु... Read more
नैनीताल पहुंची ‘जन संवाद यात्रा’
नवम्बर 2000 में पृथक उत्तराखंड राज्य के अस्तित्व में आने के बाद 18 साल गुजर चुके हैं, ऐसा कहा जा रहा है कि राज्य अब किशोरावस्था से युवावस्था की तरफ बढ़ चुका है. इन 18 सालों में राज्य बनने के... Read more
कुमाऊंनी लोकगीतों में सामाजिक चित्रण भाग – 2
पिछली कड़ी विवाहोपरान्त पुत्री की विदाई सर्वत्र करूण होती है. वह मां की दुलारी है, जिसने उसे पालपोस कर बड़ा किया, उपयुक्त गृहिणी के सभी गुण लाने का प्रयास किया है. किन्तु आज वह वृ़द्धा भी अपने... Read more
पिथौरागढ़ नैनीसैनी गाँव की एक आमा है जो एक ज़माने में गांव के लड़कों की काखि ( चाची ) हुआ करती थी. नैनीसैनी की उपजाऊ जमीन को हवाई पट्टी में बदलने के लिए जब पहली बार सरकार बहादुर गांव में आयी का... Read more
कुमाऊंनी लोकगीतों में सामाजिक चित्रण भाग 1
लोकगीतों से हमारा तात्पर्य लोक साहित्य के उन रूपों से है, जो प्रायः अलिखित रहकर जन-साधारण द्वारा निर्मित होते हुए एवं परंपरा से देश काल की विविध परिस्थितियों का चित्रण करते हुए उनके बीच प्रच... Read more
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