1937 के आम चुनाव और उत्तराखण्ड
1935 के भारतीय शासन अधिनियम के अंतर्गत सन 1936 ई. में आम चुनाव की तैयारी होने लगी. 1 अगस्त 1936 ई. को नेताओं की अपीलों के साथ चुनाव आन्दोलन का श्रीगणेश हुआ. उसी दिन लोकमान्य तिलक की पुण्य ति... Read more
उत्तराखण्ड का इतिहास भाग- 4
उत्तराखण्ड की प्रमुख पुरा प्रजातियाँ- उत्तराखंड सदियों से ही मानव आवास के लिये उपयोग में आती रही है. यहाँ की सौन्दर्यमय घाटियाँ, प्राकृतिक वनस्पतियों से समृद्ध पर्वत, जल से भरपूर नदियाँ, शां... Read more
1994 में मुजफ्फरनगर की अमानवीय घटना घट चुकी थी और संभवतः आजादी के बाद पहली बार उत्तराखंड के छोटे-छोटे कस्बों में कर्फ्यू लगा था. उत्तराखंड के सीधे-साधे ग्रामीण और कस्बेवासियों के लिये नित्ता... Read more
गढ़वाल रायफल्स और प्रथम विश्व युद्ध
प्रथम विश्व युद्ध में गढ़वालियों ने अपना पराक्रम दिखाकर देश को ही नहीं बल्कि दुनिया को चकित कर दिया था. मेरठ डिवीजन की उनकी दोनों बटालियनों को गढ़वाल ब्रिगेड के नाम से फ्रांस भेजा गया. वहां प... Read more
कुमाऊं के इतिहास का एक और विस्मृत पृष्ठ- 3
नीलू कठायत- दूसरे दिन तड़के ही जस्सा राजप्रसाद पहुंचे. महाराज को बतलाया की नीलू कठायत महरों के साथ मिलकर एक घोर षड्यंत्र की योजना बना रहा है. उसके दोनों लड़के संयोग से कल रात मुझे मिल गए. मा... Read more
कुमाऊं के इतिहास का एक और विस्मृत पृष्ठ- 2
नीलू कठायत- नीलू राजबुग पहुंचे जस्सा कमलालेख लिख से द्वार पर भेंट हुई. जस्सा ने बतलाया कि तल्ला देश भाबर पर संभल के नवाब ने अधिकार कर लिया है. उसकी सेना ने जनता पर गजब ढाया है. सैकड़ों मारे... Read more
कुमाऊं के इतिहास का एक और विस्मृत पृष्ठ
नीलू कठायत 1410 का साल भारत में तुगलक साम्राज्य उत्कर्षा की चरम सीमा में पहुंचकर पत्नोन्मुख हो चुका था. फिरोजशाह तुगलक की मृत्यु हो चुकी थी. विश्व विजेता तैमूर लंग की तुर्की सेना ने दिल्ली ल... Read more
उत्तराखण्ड का इतिहास भाग- 3
आद्यऐतिहासिक काल- ऐतिहासिक काल से पूर्व चतुर्थ-तृतीय सहस्त्राब्दी पूर्व तक आद्यऐतिहासिक काल माना जाता है. उत्तराखण्ड में इस काल के प्रमुख स्त्रोत धार्मिक ग्रन्थ होने के कारण इसे पौराणिक काल... Read more
गुप्त वंश तथा कुमाऊं भाग-3
तोरमाणः- सन् पांच सौ ई. के लगभग हूण सरदार तोरमाण ने मालवा तक अपना शासन स्थापित किया और महाराजाधिराज की पदवी धारण की. तोरमाण के पुत्र मिहिरकुल की राजधानी शाकल सम्भवतः सहारनपुर देहरादून की सीम... Read more
गुप्त वंश तथा कुमाऊं भाग-2
कर्तृपुर(कत्यूर):- समुद्रगुप्त के इलाहाबाद के अशोक स्तम्भ पर खुदी हुयी हरिषेण की प्रषस्ति में पराजित राजाओं में कर्तपुर का नाम नेपाल के बाद लिया गया है. इसलिये इतिहासकारों ने इसे कार्तिकेयपु... Read more
Popular Posts
- नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार
- भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू
- ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए
- सर्दियों की दस्तक
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता
- मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा
- विसर्जन : रजनीश की कविता
- सर्वोदयी सेविका शशि प्रभा रावत नहीं रहीं
- भू विधान व मूल निवास की लहर
- उत्तराखंड हिमवंत के देव वृक्ष पय्यां
- मुखबा गांव का आतिथ्य
- प्रकृति व महामाया का पर्व नवरात्रि
- प्रसूताओं के लिए देवदूत से कम नहीं ‘जसुमति देवी’
- असोज की घसियारी व घास की किस्में
- ब्रह्माण्ड एवं विज्ञान : गिरीश चंद्र जोशी
- परम्परागत घराट उद्योग
- ‘गया’ का दान ऐसे गया
- कोसी नदी ‘कौशिकी’ की कहानी
- यो बाटा का जानी हुल, सुरा सुरा देवी को मंदिर…
- कुमौड़ गांव में हिलजात्रा : फोटो निबन्ध
- शो मस्ट गो ऑन
- सेंट जोसेफ कॉलेज नैनीताल : देश का प्रतिष्ठित स्कूल