हम होंगे सिनला पार एक दिन – 4 दारचूला से एक बार फिर काली नदी के झूला पूल को पारकर हम वापस लौटे. पुल पर तैनात जवानों को अपना सामान दिखाया तो वे भी मुस्कुराते हुए बोले, “ये भी कोई सामान... Read more
हम होंगे सिनला पार एक दिन – 3 हमारे पास समय था तो नदी पार दारचूला जाने की योजना बनी. वैसे भी पार हमारे लिए एक अजूबा विदेश ही था, जिसके बारे में बचपन से सुनते आए थे कि नेपाल के बाज़ार में मिल... Read more
हम होंगे सिनला पार एक दिन – 2 वैन आगे बढ़ी तो मन में दारमा-व्यास की रहस्यमयी घाटियों की अनदेखी तस्वीरें हिलोरें लेने लगीं. इरादा था कि दोपहर तक हम धारचूला पहुंच जाएंगे और वहां नोटिफाइड... Read more
बागेश्वर से सिनला दर्रे की दुर्गम यात्रा की शुरुआत
वर्ष 2001 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से एडवांस कोर्स करने के बाद प्रातःकालीन भ्रमण का एक नियम सा बन गया था. तब सुबह के साथी मित्र पंकज पांडे हुआ करते थे. सुबह के वक्त पहाड़ी रास्तों में गप... Read more
ओ गगास! छिन अकास-छिन पताल
अल्मोड़ा से श्रीनगर वाया रानीखेत 22 सितम्बर, 2019 बादलों की गड़गड़ाहट और बारिश की दणमण-दणमण रात भर होती रही. सुबह बारिश तो थम गई, परन्तु कोहरे ने अल्मोड़ा की पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया है. क... Read more
एशिया की सुन्दरतम घाटी है सोमेश्वर घाटी
श्रीनगर से अल्मोड़ा वाया सोमेश्वर : एक यात्रा श्रीनगर से अल्मोड़ा की ओर भोर में चले हैं. नींद से जागती हुयी प्रकृति का सौंदर्य और उसमें मानव, पशु-पक्षी और पेड़-पौधों की सुबह-सुबह की हलचल को च... Read more
उत्तराखंड के युवाओं की ज्योतिर्लिंग यात्रा
कुछ समय से बाइक से यात्रा करने शौकीन अवनीश राजपाल ने अपने सहयोगी योगेश जोशी के साथ 4400 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर ली. इस यात्रा की शुरुआत हल्द्वानी से करते हुए वह रामेश्वरम तमिलनाडु पहुंच ग... Read more
घूमने का मौसम है, यात्राओं का मौसम है. उत्तराखंड में भीड़ बढ़ रही है ऐसे वक्त कुछ सुकून के पल ढूँढने के लिए हमने इस बार एक ऐसी घाटी का रुख किया जिसकी खूबसूरती के बारे में बहुत सुन रखा था लेक... Read more
बुग्यालों से होते हुए मुनस्यारी तक का ट्रेक और पांगती मास्साब का म्यूजियम
गोगिना से नामिक गांव होते हुए मुनस्यारी- 2 पिछली कड़ी : बागेश्वर के गोगिना से नामिक गांव की यात्रा के बहाने पहाड़ का जन-जीवन सुबह नाश्ते में योगेश की फरमाइश पर पराठों का भोग लगाकर हम अपने अगले... Read more
गोगिना से नामिक गांव होते हुए मुनस्यारी- 1 बागेश्वर से हिमालय के साथ ही हरे-भरे बुग्यालों को जाने वाले कई रास्ते झरनों की तरह फूटते हैं. मंजिल तक पहुंचने तक ये रास्ते खूब थकाते तो हैं, लेकिन... Read more
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