पहाड़ में आयुर्वेद और अल्मोड़ा के परम्परागत वैद्य
पहाड़ की परम्परागत चिकित्सा पद्धति में आयुर्वेद प्रचलित रहा. लोक विश्वास के साथ ही जनमानस में ऐसी अनेक परम्पराएं पोषित होती रहीं जो कर्मकांड, तंत्र, ज्योतिष एवं आयुर्वेद से सम्बन्धित थीं. वर... Read more
2/1 गोरखा राइफल्स के हवलदार दिलीप सिंह के घर 15 अगस्त 1914 को हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले के मुख्यालय धर्मशाला में स्थित सल्ला धारी गांव, जिसे पेंशनर लाइन भी कहा जाता था, में उस सपूत ने जन... Read more
उत्तराखंड में भूमि प्रबंधन व राज्य को चलाने के लिए आगम के प्रमाण कत्यूरी राजाओं के समय से मिलते हैं. कत्यूरी नरेशों के काल में खेतीबाड़ी, जंगलात और खनन आगम प्राप्ति के मुख्य स्त्रोत थे. खेत... Read more
सेम मुखेम में नागराजा की माया
पहाड़ों में उसके सीमांत से जान -पहचान बढ़ाने के लिए की जाने वाली पद यात्राएं बहुत कुछ दे जातीं हैं. वह नयनाभिराम दृश्य तो होते ही हैं जो सबको रिझाते हैं. बार-बार आने का न्यूत दे जाते हैं. दू... Read more
बोर्निओ के नरमुंड शिकारी
वह प्रकृति के बीच रहते हैं. जल और जंगल की ये जमीन ही उनकी पालनहार है. इसके हर पत्ते, हर शाख, पहाड़ी गुफा के हर आसरे, दरारों से रिसते पानी, कल कल बहते धारे, तीव्र गतिमान भंवर में गोल गोल घूमत... Read more
दूनागिरी की गुफा से क्रिया योग की कथा
‘श्यामा चरण इधर आओ ‘.द्रोणा गिरि के पर्वतों में गूंजती यह ध्वनि सुनाई देती है. इस घने जंगल, विचरण कर रहे पशु पक्षियों के कलरव, जिधर दृष्टि डालो उधर हरियाली वाली उपत्यका में,उन्हे... Read more
‘चले साथ पहाड़’ अरुण कुकसाल की नई किताब
इस दुनिया को बेहतर और जीवंत बनाने की पहल करने वाला वाला निश्चित ही एक घुमक्कड़ रहा होगा. भारी भरकम बंद किताबों में ठूँसे गए गरिष्ठ ज्ञान-ध्यान से कहीं अधिक रोचकता और अपनेपन का अहसास घुमक्कड़... Read more
स्त्रियों के लिये वर्जित नंदादेवी राजजात की पहली महिला यात्री ‘गीता गैरोला’ के यात्रा वृतांत: ये मन बंजारा रे
पहाड़ों की तेज ठंडी ताकतवर हवा, मुझे मेरे पिट्ठू के साथ सर्पीली पगडंडियों पर सहलाती हुई मेरी थकान उतार देती हैं. मेरी आँखें घनी गहरी हरियाली से सजे जंगलों, दूर ऊँची बर्फ़ीली छोटी से तेजी से... Read more
जौनसार की दैवीय चिकित्सा
गढ़वाल हिमालय के देहरादून जिले में कालसी और चकराता ब्लॉक में निवास करती है जौनसारी जनजाति जो पांडवों को अपना पूर्वज मानती है. पांडवानी संस्कृति की छाप यहाँ के सामाजिक जीवन में देखी जाती है.... Read more
द्रोणागिरी पर्वत में शक्ति पूजा
सात कुलपर्वतों में चौथे पर्वत के रूप में ‘द्रोणागिरि’ की मान्यता विष्णु पुराण में वर्णित है जहां इसे औषधि पर्वत की संज्ञा दी गई है :(Dronagiri Parvat Uttarakhand) कुमुदषचौन्नतश्च... Read more
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