रंगवाली पिछौड़ा : कुमाऊनी महिलाओं की पहचान
Posted By: Girish Lohanion:
उत्तराखंड का परम्परागत परिधान आदर्शतः वहां के वासिंदों की जीवन शैली के साथ ही वहां की प्रजातीय समुदाय की विशिष्ट संस्कृति को भी प्रतिबिंबित करता है. रंगवाली पिछौड़ा उत्तराखंड के कुमाऊं संभाग... Read more
पिछौड़ा उत्तराखण्ड का एक पारम्परिक परिधान
Posted By: Girish Lohanion:
पिछौड़ा उत्तराखण्ड में सभी मांगलिक कार्यक्रमों में विवाहित महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला एक पारंपरिक परिधान है. पुराने समय में पिछौड़ा शादी के समय केवल दुल्हन द्वारा ही पहना जाता था. जिसे लड़के... Read more
Popular Posts
- ऐसे बीज बिछा रे, सुख चैन उगे दुख दर्द मिटे
- ‘हेमवंती’ जहां मोहब्बत मजबूरी नहीं ताकत बन जाती है
- पहाड़ से निकलकर बास्केटबॉल में देश का नाम रोशन करने कैप्टन हरि दत्त कापड़ी का निधन
- डी एस बी के अतीत में ‘मैं’
- शराब की बहस ने कौसानी को दो ध्रुवों में तब्दील किया
- अब मानव निर्मित आपदाएं ज्यादा देखने को मिल रही हैं : प्रोफ़ेसर शेखर पाठक
- शराब से मोहब्बत, शराबी से घृणा?
- वीर गढ़ू सुम्याल और सती सरू कुमैण की गाथा
- देश के लिये पदक लाने वाली रेखा मेहता की प्रेरणादायी कहानी
- चंद राजाओं का शासन : कुमाऊँ की अनोखी व्यवस्था
- उत्तराखंड में भूकम्प का साया, म्यांमार ने दिखाया आईना
- हरियाली के पर्याय चाय बागान
- हो हो होलक प्रिय की ढोलक : पावती कौन देगा
- हिमालयन बॉक्सवुड: हिमालय का गुमनाम पेड़
- भू कानून : उत्तराखण्ड की अस्मिता से खिलवाड़
- कलबिष्ट : खसिया कुलदेवता
- खाम स्टेट और ब्रिटिश काल का कोटद्वार
- अनास्था : एक कहानी ऐसी भी
- जंगली बेर वाली लड़की ‘शायद’ पुष्पा
- मुसीबतों के सर कुचल, बढ़ेंगे एक साथ हम
- लोक देवता लोहाखाम
- बसंत में ‘तीन’ पर एक दृष्टि
- अलविदा घन्ना भाई
- तख़्ते : उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की कहानी
- जीवन और मृत्यु के बीच की अनिश्चितता को गीत गा कर जीत जाने वाले जीवट को सलाम