‘सेपीयन्स’ ‘होमो डेयस’ और ‘21 लेसन फॉर 21 फर्स्ट सेंचुरी’ आदि किताबों के लेखक युवाल नोहा हरारी के कोरोना महामारी के वक्त में लिखे गए लेख इस समय दुनिया भर में चर्चित हैं. ‘द ग... Read more
कोरोनावायरस के अंत के बाद की दुनिया
Posted By: Sudhir Kumaron:
‘सेपीयन्स’ ‘होमो डेयस’ और ‘21 लेसन फॉर 21 फर्स्ट सेंचुरी’ आदि किताबों के लेखक युवाल नोहा हरारी के कोरोना महामारी के वक्त में लिखे गए लेख इस समय दुनिया भर में चर्चित हैं. अंग्रेजी में लिखे मू... Read more
Popular Posts
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : जिंदगानी के सफर में हम भी तेरे हमसफ़र हैं
- स्वयं प्रकाश की कहानी: बलि
- सुदर्शन शाह बाड़ाहाट यानि उतरकाशी को बनाना चाहते थे राजधानी
- उत्तराखण्ड : धधकते जंगल, सुलगते सवाल
- अब्बू खाँ की बकरी : डॉ. जाकिर हुसैन
- नीचे के कपड़े : अमृता प्रीतम
- रबिंद्रनाथ टैगोर की कहानी: तोता
- यम और नचिकेता की कथा
- अप्रैल 2024 की चोपता-तुंगनाथ यात्रा के संस्मरण
- कुमाउँनी बोलने, लिखने, सीखने और समझने वालों के लिए उपयोगी किताब
- कार्तिक स्वामी मंदिर: धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आध्यात्मिक संगम
- ‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा
- पहाड़ में बसंत और एक सर्वहारा पेड़ की कथा व्यथा
- पर्यावरण का नाश करके दिया पृथ्वी बचाने का संदेश
- ‘भिटौली’ छापरी से ऑनलाइन तक
- उत्तराखण्ड के मतदाताओं की इतनी निराशा के मायने
- नैनीताल के अजब-गजब चुनावी किरदार
- आधुनिक युग की सबसे बड़ी बीमारी
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : दिशाएं देखो रंग भरी, चमक भरी उमंग भरी
- स्याल्दे कौतिक की रंगत : फोटो निबंध
- कहानी: सूरज के डूबने से पहले
- कहानी: माँ पेड़ से ज़्यादा मज़बूत होती है
- कहानी: कलकत्ते में एक रात
- “जलवायु संकट सांस्कृतिक संकट है” अमिताव घोष
- होली में पहाड़ी आमाओं का जोश देखने लायक होता है