धामी के खिलाफ व्यूह रचना?
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एक बार फिर से बेहद सक्रिय हो गए हैं. फरवरी के महीने उन्होंने पहले गढ़वाल लोकसभा सीट और उसके बाद अल्मोड़ा व नैनीताल-ऊधमसिंहनगर लोकसभा सीट का दौरा किया.... Read more
जब टार्च जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा थी
आजकल तो भाबर में अब शहर तो छोड़िए गांव-गांव बिजली की चमक पहुँच गयी है. चार दशक पहले ऐसा नहीं था. भाबर के अधिकतर गांव रात को अधेरे में डूबे रहते थे. रातों में गांव में एक अजीब तरह की नीरवता औ... Read more
कुमाऊं में शोक व्यक्त करने के तरीके
हर समाज में किसी प्रियजन की मौत पर शोक व्यक्त करने के अपने तरीके हैं. इसी तरह कुमाऊं में इसके अपने तरीके हैं. यहॉ किसी की मृत्यु के दिन से बारह दिन का शोक मनाने की परम्परा है. बारहवें दिन पी... Read more
बहुत भरोसेमंद था रमुआ बल्द
बचपन गजब होता है जो बातें उन दिनों अखरती हैं वहीं बाद में मधुरता घोलती दिखाई देती हैं. कुछ बातें ऐसी होती हैं जो यूँ ही यादगार बन जाती हैं. भाबर में उन दिनों खेतों की जुताई का कार्य बैलों से... Read more
कितनी बेबाकी से लिखता था भुला पंकज सिंह महर
पंकज सिंह महर था तो सरकारी नौकरी (विधानसभा में प्रतिवेदक/रिपोर्टर) में, पर राज्य बनने के दो दशक बाद भी विकास व व्यवस्था के स्तर पर जो चिंताजनक हालात हैं, उसके खिलाफ वह मुखर होकर सोशल मीडिया... Read more
अपने गीतों व गायन के माध्यम से लोगों में जनचेतना का संचार करने वाले और उत्तराखण्ड आन्दोलन के दौरान, लस्का कमर बाँधा, हिम्मत का साथा और धैं द्यूणौ हिंवाल च्यलौ ठाड़ उठौ, जगाओ मुछ्याल च्यलौ ठा... Read more
जनान्दोलनों के संघर्ष का प्रतीक था – त्रेपन चौहान की तेरहवीं पर जगमोहन रौतेला की भावभीनी श्रद्धांजलि
उत्तराखण्ड के जनान्दोलनों व जनसरोकारों के लिए काम करने वाली धारा को गत 13 अगस्त 2020 को तब गहरा आघात लगा है, जब उत्तराखण्ड में वर्तमान दौर में जनांदोलनों के प्रतीक बन चुके व चर्चित उपन्यासका... Read more
कालू चूड़ी वाला : हल्द्वानी और आस-पास के गाँवों की बेटी-ब्यारियों की चलती-फिरती ज्वैलरी शॉप
वह समय आज की तरह हवा में जहर घोल देने वाला नहीं था. तभी तो आज से चार-पांच दशक पहले कालू चूड़ी वाला हल्द्वानी से लगे आस पास के दर्जनों गाँवों की सैकड़ों /हजारों बेटी-ब्यारियों का चलता फिरता ब्... Read more
वरिष्ठ पत्रकार व उत्तराखण्ड के विभिन्न जनान्दोलनों में सक्रिय भागीदारी निभाने वाले पुरुषोत्तम असनोड़ा का 15 अप्रैल की शाम ऋषिकेश एम्स में निधन हो गया. उन्हें गत 12 अप्रैल को ह्रदयाघात के बाद... Read more
पहाड़ी रस्या के मसाले धुँआर को बचाना होगा
हफ्ते भर पहले उत्तर उजाला के समाचार सम्पादक व दगड़ू चन्द्रशेखर जोशी के साथ बचदा (जनमैत्री संगठन के बच्ची सिंह बिष्ट) के घर गया तो वहॉ उनके सगवाड़े में धुँआर देखकर मन प्रसन्न हो गया. लौटते सम... Read more
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