हिंदी सिनेमा की पहली फ़सक
Posted By: Girish Lohanion:
मदान थियेटर और इम्पीरियल भारत में पहली बोलती फिल्म से पहले फिल्म निर्माण की सनसे बड़ी दो कम्पनियां थी. बोलती फिल्म बनने के बाद इनके मालिकों के बीच एक नयी प्रतिस्पर्धा शुरू हो गयी. इमपिरयल के... Read more
Popular Posts
- यो बाटा का जानी हुल, सुरा सुरा देवी को मंदिर…
- कुमौड़ गांव में हिलजात्रा : फोटो निबन्ध
- शो मस्ट गो ऑन
- सेंट जोसेफ कॉलेज नैनीताल : देश का प्रतिष्ठित स्कूल
- चप्पलों के अच्छे दिन
- छिपलाकोट अंतरयात्रा : चल उड़ जा रे पंछी
- बिरुण पंचमि जाड़ि जामलि, बसंतपंचमि कान कामलि
- ‘कल फिर जब सुबह होगी’ आंचलिक साहित्य की नई, ताज़ी और रससिक्त विधा
- कसारदेवी के पहाड़ से ब्लू सुपरमून
- ‘लाया’ हिमालयी गाँवों की आर्थिकी की रीढ़ पशुपालकों का मेला
- ‘गिर्दा’ की जीवन कहानी
- पहाड़ों में रोग उपचार की एक पारम्परिक विधि हुआ करती थी ‘लङण’
- पूर्व मुख्यमंत्री टॉर्च और मोमबत्ती की मदद से खोजने निकले ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण
- उत्तराखंड में सकल पर्यावरण सूचक
- प्रकृति का चितेरा कवि चन्द्रकुँवर बर्त्वाल : जन्मदिन विशेष
- पानि-बाण से जूझ रहा उत्तराखंड
- इस देश की हर बहन-बेटी को मोहब्बत के ऐसे मेडलों की ज़रूरत है
- 1982 में गोपेश्वर
- पेरिस ओलंपिक के बाद पहली बार अपने घर अल्मोड़ा में लक्ष्य सेन
- गरतांग गली की रोमांचक यात्रा
- घी त्यार में हर घर में घी से बने स्वादिष्ट पकवान बनाये जाते हैं
- हमारा लोकपर्व घ्यूं त्यार है आज
- अपने गांव में महिलाओं को अंग्रेजी शराब की दुकान बर्दाश्त न हुई
- व्यवस्था के चूहे से अन्न की मौत: हरिशंकर
- महसूस कीजिये दिव्य जागेश्वर को