ई. शर्मन ओकले ने अपनी किताब ‘होली हिमालयाज’ में लिखा है कि चंद राजाओं के समय राजा ने आत्मरक्षा के लिये जो नियम बनाये वह रूस के जार के नियमों से भी कठोर थे. दरसल ओकले जिन नियमों क... Read more
राजा ज्ञानचंद को गरुड़ज्ञानचंद क्यों कहते हैं?
Posted By: Girish Lohanion:
चन्द शासकों में सबसे ज्यादा समय तक गद्दी में बैठने वाले शासक का नाम है राजा ज्ञानचंद. कुछ लोगों ने सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाले चंद शासक का नाम गरुड़ज्ञानचंद भी पढ़ा होगा. दरसल इस सवाल के... Read more
कत्यूरी व चन्द शासकों की कुल देवी चम्पावती
Posted By: Sudhir Kumaron:
कुमाऊँ के पूर्वी क्षेत्र के जिले चम्पावत में पूजी जाने वाली देवी है, चम्पवाती देवी. वे चम्पावत के आम जन के साथ ही कत्यूरी व चन्द शासकों की कुलदेवी भी हैं. इनका पूजास्थल चन्द शासकों द्वारा स्... Read more
Popular Posts
- हमारे कारवां का मंजिलों को इंतज़ार है : हिमांक और क्वथनांक के बीच
- अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ
- पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला
- 1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक
- बहुत कठिन है डगर पनघट की
- गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’
- गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा
- साधो ! देखो ये जग बौराना
- कफ़न चोर: धर्मवीर भारती की लघुकथा
- कहानी : फर्क
- उत्तराखंड: योग की राजधानी
- मेरे मोहल्ले की औरतें
- रूद्रपुर नगर का इतिहास
- पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय और तराई-भाबर में खेती
- उत्तराखंड की संस्कृति
- सिडकुल में पहाड़ी
- उसके इशारे मुझको यहां ले आये
- नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार
- भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू
- ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए
- सर्दियों की दस्तक
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता